“विनायकी” को इंसाफ

एक जानवर की जान इंसानों ने ली...! हत्या पलक्क्ड़ में जांच मल्लापुरम में जमीन-जेहाद के बाद विनायकी मामले में प्राथिमकी अमानवीयता की कैसी चरम पराकाष्ठा की उम्मीद नहीं पवन शुक्ल, सिलीगुड़ीः संतान के दर्द का एहसास सिर्फ “मां” ही समझ सकती है...!शायद यही दर्द “विनायकी” का...! रहा होगा। पेट की आग बुझाने  “विनायकी” जब साइलेंट वैली से निकली तो क्या पता था, अब साइलेंट वैली नेशनल पार्क अब उसे नहीं देख पाएगी। देश के एक छोर बसे सबसे साक्षर राज्य केरला के इंसान

घर हुए गुलज़ार पर सूनी हो गई बस्ती...

वैश्विक संकट, अब गांवों की ओर पांव पसारेगा जानलेवा कोरोना महानगरों से पलायन, जीरो संक्रमण क्षेत्र की भी मुसीबत बढ़ी गरीब मजदूरों के परिवारों पर टूटेगा अदृश्य बिमारी का पहाड़ पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी: गांव की गलियों से शहरों की चकाचौंध में अपना और अपने परिवार की जीवनशैली बदलने की चाहत अब गांव के मजदूरों पर भारी पड़ रही है। रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर रूख करने वाले युवा अब वैश्विक माहामारी कोरोना से संक्रमित हो कर अपने वतन लौट रहे हैं। क्योकि कोरोना

बाहर से चुपचाप है दिखता अंदर है कोहराम...

खुशियों की तलाश में मिला मुसीबत का दंश पवन शुक्‍ल,सिलीगुडी: पेट में भूख ज्‍वाला, चेहरे पर बेचैनी, मन में में उदासी थी और दिल में कोरांना का जख्‍म। लक्ष्‍य था अपने गांव की गलियों जहां अपने हैं। हालातों से जूझते सोमवार की शांम को करीब 5 बजे स्थान था वर्धमान रोड का झंकार मोड़ 5 युवक टोटो विनती करते हुए सिलीगुड़ी जंक्शन पहुंचने की बात कर रहे थे। ये युवक उड़ीसा में एक कंपनी का बन रहे भवन में काम कर रहे थे। बात करने पर एक युवक ने फफक कर कहा, सर हम लोग रात और दिन की बात नह

जिस शख्श को छूं लू वो मेरा नहीं रहता...

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी: छूआछूत की बीमारी कोरोना (कोविड19) ने जहां सभी को घरों में कैद कर दिया, वही अपनों से दूरियों को बढ़ा दिया। इस जानलेवा बिमारी को लेकर हर शक्‍श उक दूसरे को शक की नजर से देखता है। सामाजिक दूरियों ने जहां अपनों से दूर कर दिया। वहीं कभी एक साथ मिल बैठकर एक दूसरें के साथ बैठने से अब कतराने लगे हैं। यही हाल दार्जिलिंग जिले के उत्‍तर बंगाल मेडिकल कालेज के पास बसी कालोनी शांति निकेतन का है, जो कोरोना के इस संकट काल में हलांकि यह कालोनी से कोरोना सं

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