आरटीआई पत्रकार का बन सकता है हथियार : मिथिलेश सिंह

न्‍यूज पोर्टल एसोशिएशन नई दिल्‍ली की वर्चुअल जूम पर मिटिंग, आरटीआई पर हुई चर्चा

आरटीआई से हमें खबरों के लिए मिलती सटीक जानकारी : सीरील दास

भ्रष्‍टाचार उजागर करने का सशक्‍त माध्‍यम है आरटीआई: पवन शुक्‍ल

न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : पत्रकार इस देश का चौथा स्‍तंभ है, सूचना और तकनीकी माध्‍यम से अपने विचारों और व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचारों को जनता के समक्ष उजागर करने का अब एक सशक्‍त माध्‍यम बन गया है राष्ट्रीय सूचना  का अधिकार (आरटीआई) पत्रकारों के लिए जब किसी सरकारी या प्राईवेट विभाग से कोई सूचना नहीं मिलती है, और उन्‍हें किसी काम में घोटाले की बू आती है। तो सरकार के सूचना अधिनियम के तहम वह अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए किसी भी विभाग में आरटीआई दाखिल कर सही जानकारी प्राप्‍त कर अपनी खबर को पुष्‍ट कर सकतें है। उक्‍त बातें रविवार को न्‍यूज पोर्टल एसोशिएशन नई दिल्‍ली के तत्‍वावधान में आयोजित जूम की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए नई दिल्‍ली से मिथिलेश सिंह ने कही। इस मिटिंग में, देश के वि‍भिन्‍न राज्‍यों से न्‍यूज भारत सिलीगुड़ी से पवन शुक्‍ल, खबर समय सिलीगुड़ी से संजय शर्मा के अलावा दिल्‍ली से गनेश यादव, गोरखपुर यूपी से कृपा शंकर, लखनऊ से पंकज, सुरेश तिवारी के साथ छत्‍तीसगढ़ से आरटीआई एक्‍टवीस्‍ट व पत्रकार सीरील दास के अलावा कई प्रदेशों के लोग जुड़े और सभी ने आरटीआई पर अपने-अपने विचार रखे।

बैठक को संबोधित करते छत्‍तीसगढ़ के आरटीआई एक्‍टवीस्‍ट व पत्रकार सीरील दास ने बताया कि सरकार ने जो आरटीआई कानून पास किया वह पत्रकारों को दूसरी कलम मिली है जो साक्ष्‍य उपलब्‍ध कराती है। हलांक‍ि इसमें परेशानियां तो है पर लगे रहने से सफलता मिलेगी। उन्‍होंने अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहा कि हम भी पहले बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन हिम्‍मत से काम लिया। इसके बाद छत्‍तीसगढ़ में रेलवे समेत कई विभागों के भ्रष्‍टाचार को उजागर किया। इसलिए सभी साथी कलम के साथ आरटीआई का प्रयोग करें तो साक्ष्‍य के आधार पर खबर लिखने में सहजता होगी।

वहीं सिलीगुड़ी न्‍यूज भारत के संपादक पवन शुक्‍ल ने अपने विचार रखते हुए कहा क‍ि आक्‍सर हमें भ्रष्‍टाचार की खबर लिखने में साक्ष्‍य का आभाव होता है, जिसके कारण हम खबर नहीं कर पाते हैं। इसलिए कलम के साथ अगर आरटीआई का प्रयोग करें तो साक्ष्‍य भी होगा और भ्रष्‍टाचार उजागर करने का सशक्‍त माध्‍यम बन सकता है। उन्‍होंने कहा कि अगर वास्‍तव में पत्रकारिता को एक बेहतर मुकाम तक ले जाने की तमन्‍ना है तो खुद आरटीआई एक्‍टवीस्‍ट मत बने। इसके लिए अपने एक सहयोगी को साथ और उसी आरटीआई फाइल करने की तैयारी करें और उससे मिले साक्ष्‍य पर बेहतरीन खबर बना कर भ्रष्‍टाचार को उजागर करने की कोशिश करें। इससे जहां आपको अपने खबरों को धार मिलेगी, वहीं आपको खबरों में शब्‍दों को चयन करने का मौका मिलेगा। कार्यक्रम केअंत में सभी सहयोगियों को धन्‍यवाद दिल्‍ली से  गनेश यादव ने दिया।

ऑनलाइन आरटीआई (RTI) किस प्रकार फाइल करें?

मुश्किल तो तब हो जाती है जब सूचना के अभाव में लोग कार्य करने से हिचकते हैं और इस वजह से लोग तमाम महत्वपूर्ण कार्य टालते चले जाते हैं. सच कहा जाए तो किसी सरकारी डिपार्टमेंट में कोई 'ख़ास' कार्य किस तरीके से होता है और समय-समय पर क्या कानून बदल चुके होते हैं, किसे कहां जाना चाहिए और किससे मिलना चाहिए, इस बात की जानकारी बहुत सारे लोगों को नहीं होती है.

ऐसे में कई बार वह जाकर सरकारी ऑफिस में अपनी इनफॉरमेशन लेने का प्रयत्न करते हैं किंतु सरकारी डिपार्टमेंट के अधिकारियों तक को भी कई बार निश्चित सूचना नहीं होती है. कदाचित उन्हें खुद को पता ही नहीं होता है और अगर पता होता है तो वह सूचना देने में टालमटोल भी खूब करते हैं. वैसे भी डिजिटल इंडिया के दौर में सरकारी डिपार्टमेंट जाकर पूरा दिन खराब करने का समय आखिर किसके पास होता है? शायद इसीलिए आरटीआई (RTI) कानून सबसे ज्यादा सफल कानूनों में गिना जाता है, जिसने लोगों की जिंदगी आसान बनाई है. बीते दिनों आरटीआई के तहत बड़ी-बड़ी इनफॉरमेशन और तमाम विभागों में घोटाले उजागर हुए तो जनता को कार्य करने में सहूलियत भी हुई और इसी आधार पर कार्यों की गति आगे बढ़ती चली गई. आज के समय ऐसे लोग हैं जो तमाम सूचनाओं के लिए आरटीआई का इस्तेमाल बखूबी करना जानते हैं, किन्तु ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है जो किसी सरकारी डिपार्टमेंट में पब्लिक रिलेशन ऑफीसर के पास जाने का जोखिम नहीं लेना चाहते. अथवा इसके लिए उनके पास समयाभाव होता है. ऐसे तमाम व्यक्तियों के लिए आरटीआई के जरिए सूचना हासिल करना बहुत आसान हो गया है, वह भी ऑनलाइन. जी हाँ, इससे जुड़ी सरकारी वेबसाइट बेहद सॉलिड है और अक्सर यह आपको निराश नहीं करती है.

तो आइए जानते हैं कि आरटीआई इनफॉरमेशन लेने की ऑनलाइन प्रक्रिया क्या है

सबसे पहले आरटीआईऑनलाइन डॉट जीओवी डॉट इन (https://rtionline.gov.in/) पर लॉग इन करके आपको खुद को पंजीकृत (Register) करना होता है और फॉर्म में दी गई जानकारियों को भरना होता है. इस लिंक पर जाकर आप खुद को रजिस्टर कर सकते हैं: https://rtionline.gov.in/registration.php