भड़क उठी चिंगारी : अर्चना शर्मा

परिचय:  मैं आर्चना शर्मा,प्रधानाचार्या हिन्दी बालिका विद्यापीठ स्कूल, सिलीगुड़ी की, आज एक ऐसी पीड़ा को स्वर देना चाहती हूँ, जो केवल एक देश की नहीं, बल्कि समस्त मानवता की त्रासदी है  जब सीमा के उस पार से अंधेरे ने सर उठाया,भारत माँ के वीरों ने लहू में जुनून जलाया। यह कोई साधारण युद्ध न था, यह न्याय की पुकार थी— एक चिंगारी जो वर्षों से सुलग रही थी, अब शोला बनकर दुश्मन की अंधेर नगरी में भड़क उठी। यह कविता उस साहस, उस बलिदान, और उस न्याय की गाथा है, जो भ

आतंक के साये में शांति की पुकार

परिचय: मैं आर्चना शर्मा,प्रधानाचार्या हिन्दी बालिका विद्यापीठ स्कूल, सिलीगुड़ी की, आज एक ऐसी पीड़ा को स्वर देना चाहती हूँ, जो केवल एक देश की नहीं, बल्कि समस्त मानवता की त्रासदी है — आतंकवाद। यह कविता उन मासूम जिंदगियों को समर्पित है, जिन्हें आतंक ने छीन लिया। आतंक देख घटना पहलगाम की, आंखों से बहता पानी।  काले अक्षर में लिख दो, आतंकी क्रूर कहानी।  मजहब का नंगा नाच,  आज मचा है देश में।  घुसे हुए हैं गद्दार यहां, आतंकियों के भेष में।  है कह

न छूटे बच्चों के हाथ से कलम का साथ, यही सोच नहीं थमते मां के हाथ

साधना की शख्सियत 02-01 आकाश शुक्ल, सिलीगुड़ी साहित्‍य की कल्‍पना किसी जाती-धर्म या किसी भाषा या किसी एक समाज की नहीं होती। भारत का साहित्‍य एक ऐसी विधा है जो गांव की गलियाें व शहरों की चकाचौध में प्रतिभाएं सामने आती रहती है। लेकिन उत्‍तर बंगाल के चाय बागानों में जो प्रतिभाएं है उसे सामने लाने की जरूरत है। कड़क चाय सोधी सुगंध के बगानों से जो साहित्‍य और काव्‍य की रसधारा निकल रही है , जरूरत है तो उन प्रतिभाओं को सामने लाने की। एनई न्‍यूज भारत उन्‍ही सपन

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से शुरू हुआ पाक्योंग साहित्‍य महोत्‍सव

सिक्किम राज्य 50वें वर्ष में प्रवेश, पाक्योंग साहित्य महोत्सव 2024 का पहला दिन संपन्न आज दूसरा दिन एनई न्‍यूज भारत, गंगटोक सिक्किम में नेपाली साहित्‍य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पाक्योंग साहित्य महोत्सव 2024 की शुरूआज शनिवार से शुरू हुआ। वहीं अरितार के लाम्पोखारी झील में पहला दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जबकि पाक्योंग जिले के जिला प्रशासनिक केंद्र (डीएसी) द्वारा आयोजित साहित्य महोत्सव, सिक्किम के राज्य बनने के 50वें वर्ष का जश्न मनाता है, साथ ही बेटी बचाओ,

संघर्ष से लेकर कामयाबी तक डाॅ.भीखी प्रसाद वीरेन्द्र

एनई न्यूज भारत सिलीगुड़ी: "जब गुड़ गजन सहे तब मिसरी नाम धराय" अर्थात अत्यंत पीड़ा सहने के बाद ही भाग्योदय होता है। मेरी मम्मी की ये बात मैं बचपन से ही सुनती आई हूँ पर बचपना खुद पर इस कदर हावी था कि सही मायने को कभी समझ न सकी और हँसकर माँ को कह देती थी- बिस्किट फैक्टरी वाले की बेटी हो न तुम मम्मी बिस्किट , चाॅकलेट , मिश्री के अलावा कोई और बात तो तुम करोगी नहीं। काश! नानाजी होते तो उनसे तेरी शिकायत करती इतना कहकर खूब ठहाके लगाया करती थी। पर सच तो ये है कि माँ कभी गलत

कहंवा से आवे रामा कारी रे बदरिया...

आया सावन झूम के" संगीतमय कार्यक्रम न्यूज भारत, गोरखपुर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी "महिला कर्मचारी कल्याण संगठन पूर्वोत्तर रेलवे" द्वारा 25 अगस्त 23 को महाप्रबन्धक कार्यालय पूर्वोत्तर रेलवे के पीछे स्थित आडिट हाल में भोजनावकाश में “आया सावन झूम के" संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे महिला कर्मचारियों ने सावनी कजरी गीतों पर जमकर ठुमका लगाया कर्यक्रम की शुरुआत अंजना लाल ने पिया मेहंदी मंगाई दा मोती झील से … गीत से किया

पड़े पनियाँ के रिमझिम फुहार से पर झूमें श्रोता

स्वरगुंजन की दस दिवसीय कजरी कार्यशाला संपन्‍न न्‍यूज भारत, गोरखपुर दस दिवसीय कजरी गायन की प्रस्तुतिपरक कार्यशाला स्वरगुंजन द्वारा आज कजरी गायन से सम्पन्न हुई-उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग से दस दिवसीय कजरी गायन की प्रस्तुतिपरक कार्यशाला घनघोर बारिश में रैम्पस स्कूल के प्रेमचंद सभागार में सम्पन्न हुई। 22 जुलाई से शुरू होकर आज दसवें दिन मंचीय प्रस्तुति गोरी झूलि गई झुलुआ हजार में,लछुमन कहाँ जानकी होइहें, पड़े पनियाँ के रिमझिम फुहार एवं कब्ब

के बनी माटी के लाल के ऑडिशन में 48 में15 हुए चयनित

न्‍यूज भारत,गोरखपुर भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया "भाई" के तत्वाधान में "के बनी माटी के लाल" के लिए आज विजय चौक स्थित एस एस एकेडमी में ऑडिशन हुआ जिसमें गोरखपुर सहित आजमगढ़, महाराजगंज,संतकबीरनगर, देवरिया के प्रतिभागियों ने भाग लिया कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर डॉ रूप कुमार बनर्जी, प्रगति श्रीवास्तव, उमेश अग्रहरि, कनक हरि अग्रवाल एवं राकेश श्रीवास्तव ने किया । सभी प्रतिभागियों ने भोजपुरी की लोक परंपराओं से जुड़े  गीत जैसे कजरी ,फगुआ, चैता, प

पिया अइले नाही कवने करनवां, बितेला सवनवां ना...

रिमझिम फुहार के साथ कजरी कार्यशाला का हुआ शुभारंभ न्‍यूज भारत, गोरखपुर सावन के रिमझिम फुहार के साथ शारदा संगीतालय गोरखपुर द्वारा राकेश श्रीवास्तव के निर्देशन में दस दिवसीय पारम्परिक भोजपुरी कजरी गायन ऑन लाइन कार्यशाला का  शुभारंभ  बतौर मुख्य अतिथि भोजपुरी, हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं सर्वभाषा ट्रस्ट,नई दिल्ली  के संयोजक केशव मोहन पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि मुझे अपार खुशी है कि इस कार्यशाला में 90 वर्ष के महिलाओं सहित युवा प्रतिभाग कर

शारदा संगीतालय में मनाया गया गुरु पर्व

न्‍यूज भारत, गोरखपुर लोकगायिका स्मृति शेष मैनावती देवी की स्मृति में स्थापित शारदा संगीतालय में आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भव्य पूजन किया गया। इसमें सर्वप्रथम मैनावती देवी के चित्र पर माल्यार्पण कर सभी शिष्यों ने उनका आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात राकेश श्रीवास्तव के शिष्यों ने "गुरु मेरी पूजा गुरु गोविंदा गुरु मेरा पारब्रह्म...... गीत की प्रस्तुति की इस अवसर पर राकेश श्रीवास्तव के शिष्य पवन पंछी कोमल मौर्या, अंजना लाल, शिवांगिनी त्रिपाठी ,स्वीटी सिंह ,

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