पिया अइले नाही कवने करनवां, बितेला सवनवां ना...

रिमझिम फुहार के साथ कजरी कार्यशाला का हुआ शुभारंभ

न्‍यूज भारत, गोरखपुर

सावन के रिमझिम फुहार के साथ शारदा संगीतालय गोरखपुर द्वारा राकेश श्रीवास्तव के निर्देशन में दस दिवसीय पारम्परिक भोजपुरी कजरी गायन ऑन लाइन कार्यशाला का  शुभारंभ  बतौर मुख्य अतिथि भोजपुरी, हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं सर्वभाषा ट्रस्ट,नई दिल्ली  के संयोजक केशव मोहन पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि मुझे अपार खुशी है कि इस कार्यशाला में 90 वर्ष के महिलाओं सहित युवा प्रतिभाग कर रहे हैं अपनी लोक परम्परा को सहेजने का इससे अच्छा और कोई माध्यम नही हो सकता,इस स्तुत्य कार्य के लिए राकेश श्रीवास्तव जी बधाई के पात्र है।

कार्यशाला में दिल्ली से उर्वशी श्रीवास्तव,लखनऊ से उमा त्रिगुणायक, रीता श्रीवास्तव, नर्बदा श्रीवास्तव, अलका भटनागर,संतकबीरनगर नगर से असीम राय,गोरखपुर से सीमा राय, शिवांगीनि त्रिपाठी,सुनीता त्रिपाठी, अंजना लाल,उषा श्रीवास्तव,कुशीनगर से अनामिका गुप्ता सहित अन्य प्रतिभाग किये। कार्यशाला के प्रशिक्षक राकेश श्रीवास्तव ने आज प्रथम दिन एक पारम्परिक कजरी,पिया अइले नाही कवने करनवां, बितेला सवनवां ना......सिखाया गया।