मायुम प्रोफेशनल का चौथा स्‍थापना समारोह संपन्न

 

• मुख्य अतिथि के रुप में दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ट समारोह का हिस्सा बने 

• पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल और प्रदेश सचिव संदीप घोषाल मौजूद थे 

एनई न्यूज भारत,सिलीगुड़ी:सिलीगुड़ी के मारवाड़ी युवा मंच प्रोफेशनल सिलीगुड़ी ने 7 जुलाई को चर्च रोड स्थित सूर्या ग्रैंड होटल में अपने नए पदाधिकारियों का चौथा स्थापना समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में दार्जिलिंग निर्वाचन क्षेत्र के सांसद राजू बिस्ट समारोह में मौजूद थे। सम्मानित अतिथि व राज्य के अध्यक्ष युवा मोहित अग्रवाल, माननीय अध्यक्ष आईसीएसआई, ईआईआरसी सीएस मोहित शॉ और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता ओम प्रकाश अग्रवाल, प्रदेश सचिव संदीप घोषाल भी उपस्थित थे। 

कार्यक्रम का शुरुआत माननीय सांसद,राजू बिस्ट के स्वागत के साथ हुआ,वहीं युवा जैकी वर्मा ने बीते वर्ष के दौरान उनके अटूट समर्थन के लिए सदस्यों को धन्यवाद अदा किया। मारवाड़ी युवा मंच प्रोफेशनल ने अपनी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। आनंद अग्रवाल (अध्यक्ष राष्ट्रीय मंच संगठन विस्तार और अध्यक्ष राज्य प्रशिक्षण एकेडमी) द्वारा शपथ के साथ नए सदस्यों का परिचय कराया गया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अतिथियों ने एमवायएम प्रोफेशनल्स द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की और समाज की भलाई के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने के महत्व पर जोर दिया। नवनियुक्त शाखा अध्यक्ष युवा नितिन गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष युवा मोहित अग्रवाल ने शपथ दिलाई।

युवा नितिन गुप्ता ने एमवाईएम प्रोफेशनल सदस्यों के नेतृत्व में चुने जाने पर आभार व्यक्त किया। नए साल के लिए अपनी योजनाएं और परियोजनाएं साझा किया और सदस्यों के साथ मिलकर सेवा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने आगे एमवाईएम प्रोफेशनल की कई उपलब्धियों को आगे बढ़ाने का वादा किया और इस बात पर जोर दिया कि एमवाईएम प्रोफेशनल समर्पित सेवा के माध्यम से स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव लाना जारी है। कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि, माननीय सांसद, दार्जिलिंग निर्वाचन क्षेत्र राजू बिस्ट द्वारा दिए गए एक प्रेरक भाषण के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने बड़े पैमाने पर मारवाड़ी समुदाय के योगदान की सराहना की।

सचिव युवा मामिस अग्रवाल ने अपनी योजना और परियोजनाएं साझा को किया। धन्यवाद ज्ञापन युवा गोपाल दुदानी ने किया।