न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः आपदा आविष्कार की जननी है। कोरोना की इस आपदा को आविष्कार बनाते हुए सिलीगुड़ी की ब्रार्इट एकेदमी ने छोटे बच्चों को पढ़ाने का नया तरिका ढूंढ निकाला। छोटे बच्चों के चलने वाले आनलार्इन क्लास में बच्चे और शिक्षक दोनों एक दूसरे को एक जैसे दिखाते हैं। उक्त जानकारी देते हुए ब्रार्इट एकेदमी के निदेशक संदीप घोषाल ने बताया कि हम जूनियर कक्षा के बच्चों के बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना संकट के कारण बच्चों को स्कूल आना बंद होने से अभिभावकों को काफी चिंता हो रही थी। हलांकि बच्चों को कम्प्यूटर और मोबार्इल से दूर रखाने की पहल सभी करते हैं। परंतु आपदा की इस घड़ी में बच्चों को ज्ञान देना भी उतना महत्वपूर्ण जितना की अन्य जरूरतें पूरी करना। इसलिए ब्रार्इट ने एक नया तरिका निकाला की आनलार्इन क्लास में उधर बच्चे विभिन्न तरह के खेल वाले पोशाक में होंगे। इधर क्लास रूम से शिक्षक भी उनके पसंद के पोशाक में नजर आएंगे। उन्होंने कहा क हलांकि छोटे बच्चों को कितबी ज्ञान के साथ “बच्चे खेलते समय सब सीखते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों को पहले खेलना सीखना है।उसी दौरान शिक्षक उन्हें ज्ञान की बात भी करते हैं, जिससे बच्चे प्रभावी ढंग से खेल के साथ अपनी पढ़ार्इ भी पूरी करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, ब्राइट अकादमी ने महामारी में शिक्षकों और बच्चों के बीच ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से एक दिलचस्प गतिविधि की व्यवस्था की। जहां बच्चों को मज़ेदार और इंटरैक्टिव तरीके से पसंदीदा तरिके से ’ध्वनि शब्द सिखाए गए जैसे गुड़ और जोकर। बच्चों को न केवल छोटे टॉट्स बल्कि शिक्षकों ने जोकर के रूप में कपड़े पहने हुए रहते हैं, जो पहने हुए टोपी और नाक के बुलबुले के साथ पोल का डॉट ड्रेस पहनते हैं। इस दौरान छोटे बच्चों ने नृत्य किया बल्कि गीत भी गाए। इसके साथ उन्होंने जिज्ञासा भरे प्रश्न पूछे, हंसे, खेले और सीखे।