• कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में हुआ योग प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम
• विशेष योग्यताओं वाली बालिकाओं के लिए भी किए गए विशेष आसन
एनई न्यूज भारत,गोरखपुर,20 मई : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, चरगांवा ब्लॉक के संयुक्त तत्वावधान में आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम “Yoga for One Earth, One Health” को साकार करते हुए "योगा फॉर गर्ल चाइल्ड एंड स्पेशल एबल्ड चिल्ड्रन" नामक योग प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की प्रेरणा महामहिम कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल से प्राप्त हुई और संपूर्ण आयोजन माननीय कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन के निर्देशन में संपन्न हुआ। प्रो टंडन ने अपने संदेश में कहा, "योग बालिकाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। विश्वविद्यालय सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।"
योग प्रशिक्षिका नीलम जी ने छात्राओं को सूक्ष्म व्यायाम, प्राणायाम और ओम उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत कराई। बालिकाओं को ताड़ासन, बद्धकोणासन, बालासन, वृक्षासन, भुजंगासन, वज्रासन, सर्वांगासन, शवासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन और सूर्य नमस्कार जैसे आसनों का अभ्यास कराया गया। वहीं मूक-बधिर व विशेष योग्यताओं वाली बालिकाओं के लिए सुप्त बद्धकोणासन, सेतुबंधासन, वृक्षासन, भ्रामरी प्राणायाम, और कबूतर आसन जैसे सरल व प्रभावी अभ्यास कराए गए।
मानसिक स्वास्थ्य और अनुशासन की दिशा में एक अहम पहल
विशेषज्ञों ने बताया कि ये आसन न केवल शारीरिक लचीलापन और मानसिक संतुलन को बढ़ाते हैं, बल्कि किशोरावस्था के तनाव व दबाव को सहन करने की क्षमता भी प्रदान करते हैं। अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसे प्राणायामों से बालिकाओं को ऊर्जा, एकाग्रता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि का लाभ मिलता है।
कार्यक्रम में महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो. दिव्या रानी सिंह और प्रो. संगीता पांडे (सोशियोलॉजी विभाग) ने योग के शैक्षिक और सामाजिक लाभों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि योग विद्यार्थियों के समग्र विकास, आत्मविश्वास और समाज के लिए सकारात्मक योगदान का माध्यम है।
कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय की वार्डन श्रीमती प्रयंका तथा गृह विज्ञान विभाग की शोध छात्राएं काजोल आर्यन, शिवांगी मिश्रा एवं कीर्ति का भी विशेष सहयोग रहा। अंततः यह आयोजन बालिकाओं को संतुलित, आत्मविश्वासी और स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करने की दिशा में एक प्रभावशाली पहल सिद्ध हुआ।