• तकनीकी शिक्षा से चिकित्सा शिक्षा की ओर: एमएमएमयूटी की नई पहल
• इंजीनियरिंग आधारित मेडिकल स्कूल की परिकल्पना, नवाचार को मिलेगा नया आयाम
एनई न्यूज भारत,गोरखपुर:तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा अर्जित कर चुके मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) गोरखपुर ने अब चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखने की योजना बनाई है। विश्वविद्यालय अपना स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी चिकित्सा संकाय शुरू करने की तैयारियों में जुट गया है।
यह निर्णय हाल ही में लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई प्राविधिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के निर्देशों के क्रम में लिया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री ने तकनीकी संस्थानों में इंटरडिसिप्लिनरी कोर्स, विशेषकर मेडिकल साइंस से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अपेक्षा की थी।
विश्वविद्यालय ने इस दिशा में पहल करते हुए प्रो. वी. के. गिरि, अधिष्ठाता छात्र मामले, को समन्वयक नियुक्त किया है। वे चिकित्सा संकाय प्रारंभ करने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करेंगे, जिसे विश्वविद्यालय की आगामी संविधिक निकायों की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रारंभिक रूप से एमएमएमयूटी 100 सीटों वाले एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से मान्यता प्राप्त करने हेतु आवेदन करेगा। पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित किया जाएगा, हालांकि वार्षिक शुल्क अभी निर्धारित नहीं है।
विश्वविद्यालय की योजना किसी सरकारी अस्पताल के सहयोग से एमबीबीएस कार्यक्रम आरंभ करने की है। इसके लिए समन्वयक प्रो. गिरि को गोरखपुर जिला चिकित्सालय, राजकीय क्षय रोग चिकित्सालय तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से संपर्क स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अंतरानुशासनिक शिक्षा पर बल दिया गया है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए एमएमएमयूटी चिकित्सा संकाय को एक इंजीनियरिंग आधारित मेडिकल स्कूल के रूप में स्थापित करना चाहता है, जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों दृष्टिकोणों का समावेश हो।
विश्वविद्यालय भविष्य में बीडीएस, बीएससी नर्सिंग, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, एमडी, एमएस, एमडीएस व विभिन्न डिप्लोमा/सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना बना रहा है।
प्रस्तावित संकाय का उद्देश्य मेडिकल समस्याओं के समाधान में इंजीनियरिंग माइंडसेट को शामिल कर नई चिकित्सा तकनीकों और नवाचारों को जन्म देना है। नैनोटेक्नोलॉजी, टेलीमेडिसिन, बायोमटेरियल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और बिग डेटा जैसे क्षेत्रों में चिकित्सकीय आविष्कारों के लिए छात्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए एमएमएमयूटी न केवल गोरखपुर बल्कि पूर्वांचल और पूर्वोत्तर भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।