अब तीन घंटे तक सिमटी बच्‍चों की पढ़ाई

कोई भी क्लास या सेशन 45 मिनट से अधिक का नहीं होगा

 मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने  जारी किया गाइड लाइन

अब छात्रों को एक दिन में तीन घंटे ही ऑनलाइन पढ़ा सकेंगे स्कूल

न्‍यूज भारत, नई दिल्‍ली : कोरोना संकट ने इंसानी जीवन को काफी बदल दिया है। जैसे रहन-सहन, मिलना-जुलना, शादी व्‍यवाह और खनापान समेत पूरी दिनचर्या की बदल गई। देश के सबसे अहम कर्णधार कहे जाने वाले छात्रों के जीवन पर भी कोरोना संकट का असर पड़ा है। इस क्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोरोना संकटकाल में घर बैठे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई समयसीमा तय करते हुए अधिकतम तीन घंटे तय कर दिया गया है। मंत्रालय ने इसको लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी करते हुए सभी को पालन करने को कहा है। मंत्रालय ने आनलाईन पढ़ाई के तहत स्कूली बच्चों को हर दिन अधिकतम तीन घंटे ही ऑनलाइन पढ़ाया जा सकेगा। हालांकि समयसीमा क्लास के हिसाब से अलग- अलग समय तय किया गया है। जिसमें जूनियर कक्षा पहली से आठवीं क्लास के बच्चों को प्रत्‍येक दिन एक से डेढ़ घंटे और नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को दो से तीन घंटे ही आनलाइन पढ़ाया जाएगा। वहीं कोई भी क्लास या सेशन 45 मिनट से अधिक का नहीं होगा। यह कदम मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अभिभावकों ने इसको ेलकर कड़ी आपत्ति करने के बाद 'प्रज्ञाता' नाम से यह नई गाइडलाइन जारी की है।यह गाईड लाईन आठ बिंदुओं पर निर्धारित है, जिसमें, प्लान, रिव्यू, अरेंज, गाइड, याक (टॉक), असाइन, ट्रैक और एप्रीसीएट पर ही आधारित होगा। अभिभावकों ने मंत्रालय से शिकायत थी, कि आनलाइन पढ़ाई को लेकर शुरू हुई मुहिम में स्कूलों की ओर से बच्चों को हर दिन पांच से छह घंटे पढ़ाए जा रहे है। जबकि उन्हें ऑनलाइन होम वर्क भी दिया जा रहा है। जिसके चलते बच्चे पूरे दिन मोबाइल, लैपटाप या कम्प्यूटर पर आंखे गड़ाए रहते है। वहीं  इसके बच्‍चों को न सिर्फ उनकी आंखों में दिक्कत हो रही है, बल्कि उनमें तनाव भी देखने को मिल रहा है। अभिभावकों की इन शिकायतों के बाद मंत्रालय ने एनसीईआरटी और केंद्रीय विद्यालय संगठन को स्कूली संगठनों और राज्यों के साथ मिलकर ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर एक गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए थे।

छात्रों को होगा काफी लाभ

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को गाइडलाइन को जारी करते हुए कहा कि इससे छात्रों को काफी लाभ होगा। इसकी सबसे खासबात कि करीब 46 पेज की इस गाइडलाइन में छात्रों के साथ स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी बहुत कुछ टिप्स दी गई है। वहीं अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्‍चों का ख्याल भी रखना होगा। जिससे बच्चों में पढ़ाई को लेकर किसी भी का तनाव पैदा न हो। अभिभावकों से इस दौरान योगा, प्राणायाम जैसी गतिविधियां से जोड़ने के साथ साइबर सुरक्षा को लेकर बच्चों को सतर्क रखने का सुझाव दिया है, वहीं शिक्षकों से बच्चों को पढ़ाई के साथ सृजनात्मक कार्यो से भी जोड़ने पर भी जोर दिया है। फिलहाल इस गाइडलाइन से ऐसे सभी स्कूलों पर अंकुश लगेगा, जो छात्रों को दिन-दिन भर मोबाइल और लैपटाप पर ही उलझाए रखते है। मंत्रालय ने गाइडलाइन में प्री-प्राइमरी के छात्रों के लिए भी आनलाइन पढ़ाई के घंटे (स्क्रीन टाइम) भी तय किए है। इसके तहत इन बच्चों को हर दिन सिर्फ आधे घंटे की ही आनलाइन क्लास होगी। मंत्रालय ने यह पहल उस समय की है, जब कोरोना संकट में स्कूल बंद पड़े है। ऐसे में छात्रों को घर बैठे ही आनलाइन माध्यमों से पढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

अभिभावकों को मिलेगी राहत

वहीं इस तरह की गाइडलाइन से से जहां एक तरफ बच्‍चों को फायदा होगा। वहीं उन अभिभावकों को भी इस बात से निजात मिलेगी, जो बच्‍चे माता-पिता को आनलाईन क्‍लास को लेकर दिनभर मोबाइल लैपटाप और डेस्‍कटाप से चिपके रहते है। समय सीमा की जानकारी के बाद अब अभिभावक अपने बच्‍चों पर नजर रख सकते हैं और बच्‍चों की मनमानी को रोक सकते हैं।