विश्व पर्यावरण दिवस पर एसएसबी में पौध रोपड़ कार्यक्रम
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी: पर्यावरण संतुलन के लिए पेड़-पौधों के लगाने के लिए हम सभी को संवेदनशील होना चाहिए। आदिकाल में "मत्स्य पुराण" "एक जलकुंड दस कुएं के समान" से कविता को भी सुना ही होगा, एक तालाब दस जलकुंड के बराबर है। एक बेटे का दस तालाब जितना महत्व है। जबकि पर्यावरण संतुलन क लिए एक बृक्ष को दस बेटों जितना महत्व है। पर्यावरण की पर लाभ हानी का प्रभाव इसी से लगाया जा सकता है कि पेड़ों की अंधाधूंध कटान से वातावरण में आक्सीजन की कमी हो गयी है। जिसके कारण खुले वातावरण में सांस लेने में परेशानी हो रही है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण के संतुलन के लिए अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहे और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे। उक्त बातें सशत्र सीमा बल(एसएसबी) के फ्रंटियर मुख्यालय सिलीगुड़ी और एसएसबी रानीडांगा की 41 वीं बटालियन, संयुक्त रूप से रानीडांगा में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित पैध रोपड़ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसएसबी के महानिरीक्षक श्रीकुमार बंदोपाध्याय ने कही। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के महत्व और वनीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के महत्व के बारे में स्थानीय आबादी और एसएसबी कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच जागरूकता पैदा करने और बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की दिशा में भारत सरकार की पहल के अनुसार, फ्रंटियर मुख्यालय सिलीगुड़ी और 41 वीं बटालियन एसएसबी रानीडांगा द्वारा एक बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया था। रानीडांगा में परिसर। अभियान का नेतृत्व श्री श्रीकुमार बंदोपाध्याय, महानिरीक्षक, फ्रंटियर सिलीगुड़ी ने किया। कार्यक्रम के दौरान दो सौ से अधिक पौधे लगाए गए। इसमें मुख्यरूप से थॉमस चाको, उप महानिरीक्षक, गिरीश चंद्र पांडे, सेकेंउ कमांड, 41 वीं बटालियन, अधिकारी, फ्रंटियर मुख्यालय सिलीगुड़ी से अधिकारी, 41 वीं बटालियन और परिवार के सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया और पौधे लगाए।