दार्जिलिंग की धरोहर वाष्प इंजन 782वीं ने पूरे हुए 125 गौरवशाली वर्ष

• घुम रेलवे स्टेशन से स्पेशल धरोहर ट्रेन रवाना, समारोह में शामिल हुए सांसद व वरिष्ठ अधिकारी

एनई न्यूज भारत,दार्जिलिंग|17 अप्रैल : दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) की प्रतिष्ठित वाष्प इंजन संख्या 782बी ने अपनी सेवा के 125 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर आज घुम रेलवे स्टेशन से एक विशेष धरोहर वाष्प ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ रेलवे संसदीय स्थायी समिति के माननीय अध्यक्ष डॉ. सी. एम. रमेश ने किया। उनके साथ पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

इस आयोजन ने भारतीय रेलवे की गौरवशाली विरासत, उत्कृष्ट इंजीनयरी और सांस्कृतिक समृद्धि को एक मंच पर लाकर प्रस्तुत किया। समारोह में सांसदों, वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। दार्जिलिंग की पारंपरिक संगीत और लोक नृत्य प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में उत्सव का रंग भर दिया।

समारोह के तहत संसदीय समिति के सदस्यों ने घुम स्थित रेलवे संग्रहालय का भ्रमण किया और दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे द्वारा किए जा रहे संरक्षण व जीर्णोद्धार प्रयासों की सराहना की। समिति ने इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के प्रति रेलवे के समर्पण और शिल्प कौशल की सराहना की।

बी श्रेणी की वाष्प इंजन संख्या 782वीं का निर्माण 1900 में शार्प, स्टीवर्ट एंड कंपनी द्वारा किया गया था। यह इंजन 125 वर्षों से पूर्वी हिमालय की कठिन पटरियों पर सेवा देता आ रहा है और आज भी सक्रिय रूप से संचालित हो रहा है। यह न केवल ब्रिटिश काल की इंजीनयरी का प्रतीक है, बल्कि भारतीय रेलवे की समृद्ध और स्थायी विरासत का जीवंत उदाहरण भी है।

यह उपलब्धि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की अपनी तकनीकी और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण हेतु प्रतिबद्धता को दर्शाती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।