रविवार को रेगुलेटेड मार्केट बंद होने पर हाईवे पर लगाती थोक सब्जी मंडी
सड़क जाम में फंसे वाहनों के साथ टैपाें, रिक्सा, वैन चालक करते हैं बदतमीजी
थाना के नाक के नीचे लगती है सब्जी की अवैध मंडी, मूक दर्शक बनी पुलिस
रेगुलेटेड मार्केट के नियमों को ताक पर रखकर होता टैक्स चोरी का गोरख धंधा
पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी
सिलीगुड़ी सबसे व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग जो सिक्क्मि और पूर्वोत्तर के राज्यों बागडोगरा एयरपोर्ट और बिहार को जोड़ने वाले मार्ग का हालत खासकर रविवार को सुबह से ही सब्जी के आढ़त का बाजार में तब्दील हो जाता है। एक तरफ उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी सब्जी, फल और मछली मंडी का मुख्यगेट है। तो वहीं दूसरी और प्रधानगर थाना का मुख्यालय है। बावजूद इसके अवैध सब्जी मंडी का कारोबार दिन-प्रतिदिन फल फुल रहा है। वहीं मुख्य सड़क होने के कारण इस मार्ग पर निरंतर आवागमन होता है। बगल में थल सेना की एक युनिट होने के कारण हल्के व भारी वाहनों की आवाजाही निरंतर होता है। ऐसे में सड़क पर चल रही अवैध मंडी पर शासन व पुलिस प्रशासन की नजर नहीं है ? अगर है तो इसके पीछे हाथ किसका है ? यह सभी सवाल तब खडे़ होते हैं जब जाम फंसी गाडियों के लोगों से टैंपाें, रिक्सा, वैन चालक बदतमीजी करते हैं और वहां पर आढती कर रहे लोग भी उन्हें समर्थन देते है।
सोशल मिडिया का भी हुआ असर
सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के मुख्यगेट की फोटो, इनसेट में सड़क पर खड़ी टैपों
वर्षो से रेगुलेटेड मार्केट व पुलिस की नाक के नीचे चल रहे इस अवैध कारोबार को लेकर कभी किसी ने ध्यान नहीं, दिया कारण कि इस अवैध मार्केट से उगाही होती है। वहीं बीते रविवार को रेगुलेटेड मार्केट के प्रवेश द्वार पर लगने वाली थोक सब्जी मंडी के कारण चंपासारी से लेकर दार्जिलिंग मोड तक जात लग गया। जिसमें कुछ परिवारों के वहां बदतमीजी हुई। इतना ही नहीं उनकी गाडि़यों पर डंडे भी मारे गए जिसके कारण वह लोग बुरी तरह से प्रताडि़त हुए। वहां रास्ते में जाम में फंसे कुछ लोगों ने इस बाजार की फोटो खींचकर फेसबुक में अपलोड किया गया। मामला प्रशासन के संज्ञान में आने बाद शायद बैठक कर कुछ कंट्रोल करने की कोशिश की गई। हलांकि लोगों का कहना है कि कुछ दिन के बाद फिर यह गोरखधंधा शुरू हो जाएगा।
गाडि़यों को सड़क नीचे खड़ा कर लगते कांटे
किसानों के नाम रेगुलेटेड मार्केट के अंदर से ही सब्जी को पीअप या वैन से लाकर सड़क नीचे खड़ा किया जाता है और उसी के आगे कांटा लगाकर तौल किया जाता है। जिसके कारण टैंपो, रिक्सा, वैन सड़क पर होते हैं। मुख्यमार्ग होने के कारण छोटी बड़ी गाडियों का आवागमन होने के कारण वाहन चालक गाडि़यों की रफ्तार को कम कर देते हैं और रास्ता जाम हो जाता है। हलांकि कुछ लेबर मजदूर इस सब्जी को किसान की सब्जी बताते हैं, लेकिन पंजाब के आलू को किसान तो लेकर नहीं आएगा। इस लिए आढ़त की इस सब्जी मंडी में शासन और प्रशासन की मिली भगत से रविवार को इस अवैध बाजार फल-फूल रहा है।
प्रधान नगर थाना व मंडी प्रशासन पाँच सौ मीटर दूर
सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के मुख्यगेट पर स्थिति प्रधाननगर थाना
सिलीगुड़ी के राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने उत्तर बंगाल के सबसे बड़ी सब्जी मंडी सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के प्रवेश द्वार पर जहां गाडि़यों से जाम रहता है। ठीक उसी के पीछे प्रधानगर थाना है उसी के सटे सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी का प्रशासनिक कार्यालय है और दोनों से अवैध बाजार की दूरी महज पाँच सौ मीटर है। बावजूद इसके इस बाजार पर किसी की नजर नहीं है ? यह सबसे बड़ा सवाल है।
बदनाम बाजारों की हिटलिस्ट में सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट
यह तो एक बाजार की बात है, मगर सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट सिलीगुड़ी ही अपितु देश के नागपुर जैसे बड़ी फलमंडियों में बदनाम हो गया है। इसका मुख्य कारण है वहां व्यापारियों व दलालों के करोड़ों रूपये हजम कर कुछ गद्दी के व्यापारी बैठे हैं। उन व्यापरियों की मदद ना तो मार्केट प्रशासन करता है ना मंडी में बैठी पुलिस चर्चा यहां तक है कि अगर व्यापारी वसूली के लिए आता है तो उसके साथ मारपीट भी होता है। दुखद यह है कि शिकायत करने पर ना पुलिस साथ देती है और ना ही मार्केट प्रशासन। उल्टा सिलीगुडी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के अधिकारियों से मिलने पर कहते हैं कि हमसे पूछ कर माल दिया था। यह सब तो एक बानगी है, अगर सही तरिके से इस बाजार को खंगाला जाय तो हर तरफ कुछ ना कुछ गोलमाल नजर आएगा। सबसे अहम बात यह है कि सप्ताह के छह दिन मार्केट खुलने के बाद एक दिन बंद रहने से क्या होगा। इसका प्रमुख कारण है कि सरकार को मिलने वाली टैक्स के राशि की चोरी और उपर से सीनाजोरी।