11 में बनी परिवर्तन की सरकार, 21 में परिवर्तन के आसार ?

सिलीगुड़ी के सांगठनिक बैठक में भाजपा ने ठोंकी ताल

उत्‍तर बंगाल के विधायक मिहिर ने तृणमूल से नाता तोड़ा, दिल्‍ली में थामा भाजपा का दामन

तृणमूल को दोहरा झटका, बागी मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री समेत सभी पद से दिया इस्तीफा

भाजपा सांसद लाकेट चटर्जी ने कहा, ममता का सिंगुर से उदय, तो पतन की सूर्यआस्‍त भी यहीं से

सर्द वादियों में भी राजनीतिक हलचलें बढ़ी, एक नई पार्टी के साथ भाजपा का कद बढ़ने के आसार   

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी

विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल की राजनीति में नित नए आयाम जुड़ रहे हैं, एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने जनधार को मजबूत करने के लिए नित नए प्रयोग कर अपने कार्यकर्ताओं सजगता के साथ समझदार बना रही है। वहीं बंगाल में ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस (तृंका) आए दिन एक ना एक समस्‍यों से जूझ रही है। भाजपा रोज नए-नए मामले उठाकर ममता बनर्जी को घेरने में जुटी हुई है। परिवर्तन के नाम पर मां माटी मानुष की सरकार वर्ष 2011 में बनी ममता बनर्जी ने दो विधानसभा चुनाव तो अपने खाते में डाल लिया, परंतु 2021 का चुनाव ममता को जीत की राह आसान नहीं होगा। क्‍योंकि‍ ममता की सरकार एक माह में कई झटके लगे हैं। गत दिनों पहाड़ों की रानी में अपने पुराने प्रतिद्वंदी फरार चल रहे विमल गुरुंग के तृकां में शामिल होने से सर्द वादियां में अचानक हवाएं गर्म हो गई। वहीं दूसरी शुक्रवार को दार्जिलिंग की वादियों में सोनादा में नई राष्‍ट्रीय गोर्खा आदिवासी मोर्चा के नाम से नई पार्टी का गठन हो गया। जबकि सबसे अहम बात तृणमूल के कद्दावर नेता शुभेन्‍दु अधिकारी का ममता के सरकार मंत्री समेत सभी पदों से इस्‍तीफा देना। वहीं भाजपा से दो कदम आगे बढ़ाते हुए उत्‍तर बंगान के विधायक मिहिर गोस्वामी का तृंका से मोहभंग हो गया और वे भाजपा का दामन थाम लिया। जबकी सिलीगुड़ी में भाजपा ने सांगठनिक बैठक कर ताल  ठोकतें हुए 2021 में जीतने के दावों को हवा दे दी।

भगवामय हुए गोस्वामी, थमा भाजपा का दामन

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में भाजपा के जनप्रिय सांसद निशीथ प्रमाणिक ने तृणमूल कांग्रेस को झटका देते हुए शुक्रवार को भाजपा मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में तृंका के कूचबिहार दक्षिण के विधायक मिहिर गोस्वामी को भाजपा के खेमे में शामिलकर लिया गया। हलांकि इधर काफी दिनों से विधायक की पार्टी के कार्यकलापों से नाराजगी थी। लेकिन जब समस्‍या का समाधान नहीं निकला तो वह सांसद निशिथ प्रमाणिक के साथ नई दिल्ली चले गए तथा भगवा खेमे में शामिल हो गए। श्री गोस्वामी ने पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस के प्रति नाराजगी जाहिर की थी, इसके बाद उन्होंने तृणमूल की प्राथमिक सदस्यसता से इस्तीफा दे दिया। भाजपा मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उपाध्‍यक्ष अर्जुन सिंह, कई भाजपा के पदाधिकारी मौजूद थे।

सिलीगुड़ी के सांगठनिक बैठक में कार्यकर्ताओं में भरा जोश

भाजपा ने शुक्रवार को शहर के रिषी भवन कार्यकर्ताओं की सांगठनिक बैठक करते हुए कहा, आने वाला समय भाजपा के लिए जीत के रास्‍ते को आसान कर रहा है। ऐसे में हमें सजगता और तत्‍परता के साथ अपने मिशन 21 में जुट जाना चाहिए। वक्‍ताओं ने अपने- अपने विचार रखते हुए एक ही लक्ष्‍य को भेदने का समय आ गया है अब हम अपनी कमर कसकर तैयार रहना होगा। बैठक राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश,राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन, प्रदेश महामंत्री अमिताभ चक्रवर्ती, बिहार के नवनियुक्त प्रदेश सह संगठन मंत्री रत्नाकर, सांसद व भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान, सांसद सुकात मजूमदार, भाजपा प्रदेश महामंत्री रथीन्द्र बोस, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपेन प्रमाणिक, भाजपा नेता शायंतनु बसु, दाजलिंग के सासद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने अपनी बातें रखीं। उत्तर बंगाल विधानसभा जोन की बैठक में सभी 8 जिलों मालदा, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, दाíजलिंग, कुचबिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी तथा कालिम्पोंग से जिलाध्यक्ष ,महामंत्री, पर्यवेक्षक तथा विधानसभा कोऑडनेटरों का शामिल किया गया था।

बागी मंत्री शुभेंदु ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

ममता सरकार की मुसीबत बढ़ाते हुए पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम से विधायक शुभेंन्‍दु अधिकारी ने गुरुवार को सबसे पहले हुगली नदी पुल आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार की सुबह राज्य सरकार से मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा लौटा दी। इसके बाद दोपहर को हल्दिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन पद और फिर परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, अधिकारी ने विधायक पद और तृणमूल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।

सिंगूर से उत्थान, यहीं से ममता का पतन : लाकेट

उधर भाजपा की सांसद लाकेट चटर्जी ने ममता सरकार से ताल ठोंकते हुए कहा कि तृणमूल का उत्‍थान सिंगुर से हुआ था, और अब सिंगूर ही ममता बनर्जी का पतन रास्‍ता तैयार कर रहा है। उन्‍होनं कहा क‍ि सिंगुर के किसान 10 साल पहले जिस हाल में थे, आज भी उससे भी बदतर हाल में जी रहे हैं। कृषि सुरक्षा बिल के समर्थन में सिंगुर के आनंदनगर गांव में किसानों के साथ बैठक करने पहुंचीं हुगली से भाजपा सांसद लाकेट चटर्जी ने उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए इस बिल का भारत के लोगों ने समर्थन किया है। अन्य राज्यों में इस बिल का किसानों को लाभ भी मिलना शुरू हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही इस सुविधा से बंगाल के किसान वंचित हो रहे है। बंगाल की जनता 2021 के वोट का इंतजार कर रही है। भाजपा की सरकार बनने के बाद सिंगुर के किसानों की भी तकदीर और तस्‍वीर भी बदलेगी और नये युवकों को रोजगार मिलेंगा।

सर्द वादियों में राजनैतिक गर्मी

चुनाव का तारिख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, सर्द माहौल में सूबे के तापमान का पारा चढता जा रहा है। इधर बिमल गुरुंग के तृणमूल खेमें शामिल होने के बाद दार्जिलिंग हिल्‍स में रोज नई कहानी लिखी जा रही है। इस क्रम में शुक्रवार को एक नए दल राष्ट्रिय गोरखा आदिवासी मोर्चा का गठन कर फिर एक गर्मी पैदा कर दिया है। पार्टी के अध्यक्ष अमृत सिंह एक पत्रकार वार्ता कर नयी पार्टी की घोषण कर दी है। सोनादा में आयोजित पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय गोर्खा आदीवासी मोर्चा नाम नए राजनीतिक दल नयाँ पार्टी के अध्यक्ष अमृत सिंह सिन्तरी, महासचिव प्रणय शेर्पा को बनाया गया है। अध्यक्ष अमृत सिंह ने कहा कि संगठन का विस्‍तार पहाड़, तराई व डुवार्स की जनता को ध्‍यान में रखकर किया गया है। इस क्षेत्र की जनता के लिए हम और हमारी पार्टी पूरी तरह से काम करेगी।

विस चुनाव की तैयारियों पर राज्य चुनाव ने कसी कमर

उधर राजनीतिक गहमा-गहमी के बीच बंगाल चुनाव आयोग ने अगले वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी है। राज्य के मुख्‍य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब ने इसे लेकर शुक्रवार को कोलकाता के एक वाणिज्य मंडल के सभागार में सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। राज्य चुनाव आयोग की तरफ से बुलाई गई इस पहली बैठक में सभी डीएम से उनके यहां कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली गई और उनके अनुसार चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के लिए जरूरी दिशानिर्देश दिए गए। सभी जिलों के वर्तमान राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की गई। संवेदनशील इलाकों में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान के हालात पर गहनता से विचार-विमर्श किया गया।