मिशन बंगाल-2021
सिलीगुड़ी में दो दिवसीय मंथन का आज दूसरा दिन
तकनीकी के क्षेत्र के भाजपा कार्यकताओं को निपुण कर रही भाजपा
पवन शुक्ल, सिलीगुड़ी
मोदी के मिशन बंगाल व डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनें को मूर्त रूप देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मिशन बंगाल-2021 की तैयारियों पर जुट गई है। एक तरफ जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राज्य में विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक प्रत्येक महीने बंगाल का दौरा करते रहेंगे। वहीं भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को तकनीकी के क्षेत्र में निपुण बनाने के लिए पूरे बंगाल को चार जोन में बांटकर सभी जिला प्रभारियों को कुशल बनाने व चुनावी रणनीति में माहिर बनाने की कवायद शुरू की है। जिसके तरह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में धुरंधर नेताओं और तकनीकी क्षेत्र में दक्ष अमित मालवीय के नेतृत्व में मैराथन बैठक शुरू हुई। जिसमें बुधवार को करीब 11 घंटे तक चली और गुरुवार को होने वाली बैठक भी करीब ऐसे ही चलेगी। भाजपा के कार्यकर्ताओं का मानना है कि हम मंथन कर रहे हैं, उस मंथन से निकलने वाले बिष से हम बंगाल में मिशन-2021 में कमल को खिलाएंगे।
इस क्रम में बुधवार को सिलीगुड़ी के नकीपुरिया भवन में अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र को लेकर करीब 11 घंटे तक मैराथन मंथन हुआ। जबकि गुरुवार को उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, कूचबिहार व मालदा जिला के विधानसभा क्षेत्र को लेकर बैठक की जाएगी। इस बैठक में बंगाल के सहायक महासचिव (संगठन) शिवप्रकाश के अखिल भारतीय आईटी प्रभारी अमित मालवीय, के साथ सिक्किम प्रदेश के प्रभारी सह बालुघाट के सांसद डा. सुकांत मजूमदार, प्रदेश महामंत्री सह उत्तर बंगाल प्रभारी शायंतन बसु, जलपाईगुड़ी के सांसद जयंत राय, अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला, किशोर बर्मन, विधायक मनोज तिग्गार व दीपेन्द्रि समेत जिलों के अन्य प्रभारी उपस्थित थे। वहीं अमित मालवीय को बंगाल का सह प्रभारी बनाया गया। वह राष्ट्रीय स्तर के आईटी सेल प्रभारी रह चुके हैं। वह पार्टी नेताओं को नई तकनीक के आधार पर पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने के तरीके की जानकारी देंगे।
भाजपा रणनीतिकार का मानना है कि जिस तरह से प्रदेश में भाजपा का वोट प्रतिशत इजाफा हुआ है वह उत्साह जनक है। बढ़ते जनाधार इस बात का संकेत है कि जनता अब ममता बनर्जी सरकार से पूरी तरह से नकार चुकी है। मालूम हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटों पर और भाजपा ने 18 सीटों पर जीत हासिल की। अब अगर दोनों ही पार्टियों के मिले वोट प्रतिशत को देखे तो टीएमसी को 43.3 प्रतिशत वोट मिले तो भाजपा ने अपने वोट बैंक में इजाफा करते हुए पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग 23 फीसदी का इजाफा करते हुए 40.3 प्रतिशत वोटों पर कब्जा किया। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात्र 17 फीसदी मत मिले थे। बढ़ते जनाधार को देखते हुए भाजपा के उत्साीह और मंथन में तेजी आना लाजमी है। इसी को ध्याभन में रखते हुए भाजपा ने मिशन बंगाल के सपनें को पूरा करने के प्रयास को अंजाम में बदलने की कवायद अभी से शुरू कर दिया है।