अर्नब पर भाजपा लामबंद, कहा-महाराष्ट्र में आपातकाल

महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर पहराः पूछता है भारत

अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर मारपीट समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जबकि शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, कि महाराष्ट्र में कानून का पालन किया जाता है। हालांकि अमित शाह और प्रकाश जावेडकर समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इस आपातकाल बताय हैं।

न्यूज भारत, टीम/सिलीगुड़ी/कोलकाता/दिल्लीः महाराष्ट्र सरकार की मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को उनके घर से हिरासत में लिया है। इस मामले को लेकर अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए मारपीट का आरोप । मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने अर्नब गोस्वाामी को एक इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या से जुड़े दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार किया है। जबकि यह मामला पहले बंद हो गया था। लेकिन पिछले दिनों इस मामले में फिर से जांच के आदेश दिए गए हैं। इस गिरफ्तारी पर देश के गृह मंत्री से लेकर तमाम बड़े नेता अर्नब के पक्ष में आकर खड़े हो गए हैं और महाराष्ट्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस पर भी बड़े हमले किए जा रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि राज्य में सब कानून के हिसाब से चल रहा है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया संपादकों के संगठन  ने भी रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए जारी एक बयान में कहा है कि वो बुधवार सुबह अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बारे में जानकर हैरान है। संगठन ने कहा, 'गिल्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया की रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य की पावर का इस्तेमाल ना किया जाए।' रिपब्लिक टीवी की ओर से अर्नब के घर की एक लाइव फुटेज को दिखाया गया, जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प होती दिख रही थी। पुलिस जब अर्नब गोस्वामी को ले जा रही थी, तो तब उन्होंने कहा था कि मुझे पुलिस ने मारा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता प्रवास के दौरान ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। हमें यह आपातकाल की याद दिलाता है। प्रेस की आजादी पर हुए इस हमले का विरोध होगा।'

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। पात्रा ने कहा कि 'सिर्फ किसी एक चैनल के नहीं, बल्कि सभी चैनलों के अधिकार के लिए आज हम आवाज उठा रहे हैं। मां-बेटे की माफिया सरकार ने सिर्फ प्रेस के ऊपर ही आघात नहीं किया, बल्कि जब इनके पक्ष में फैसला नहीं आता तो ये मुख्य न्यायाधीश को भी नहीं छोड़ते।' उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ सोनिया लेख लिखती हैं और कहती हैं कि 'लोकतंत्र की हत्या हो रही है' और राहुल गांधी लिखते हैं और कहते हैं कि वे 'प्रेम की राजनीति' करते हैं। क्या इस मामले में लोकतंत्र की हत्या नहीं की जा रही है? क्या यह प्रेम की राजनीति है? पात्रा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कंधा तो शिवसेना का है, मगर वो बंदूक, बारूद और सारा कुछ, उन मां-बेटे का है जो हिंदुस्तान में लोकतंत्र को समाप्त करने के लिए लड़ रहे हैं।

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ किया गया व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने और विरोध के स्वर का दमन करने की अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है। कांग्रेस को आपातकाल समेत अनेक उदाहरणों का ध्यान करना चाहिए कि प्रेस का दमन करने वाली सरकारों का हश्र बुरा हुआ है।

कानून और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया कि कोई असहमत हो सकता है, बहस कर सकता है और सवाल भी पूछ सकता है। अर्नब गोस्वामी जैसे पत्रकार को पुलिस पावर का दुरुयोग करके गिरफ्तार करना, चूंकि वे सवाल पूछ रहे हैं, ये ऐसी घटना है जिसकी हम सभी को निंदा करनी चाहिए।