सर्द वादियों में राजनीतिक गर्मी से उबल रहा पहाड़

दार्जिलिंग में विरोध तो कालिंगपोंग में गुरुंग के स्वागत की तैयारी

विमल गुरुंग के पहाड़ पर आने से फिर पहाड़ अशांत हो जाएगा : आलोक कांति मनी थुलुंग

तीन वर्ष से अज्ञातवास के बाद कोलकाता में प्रकट हुए विमल गुरुंग व रौशन गिरी

भाजपा से नाता तोड़, तृणमूल में शामिल होने पर असमंजस में दार्जिलिंग की वादियां

न्यूज भारत, सिलीगुड़ी : सर्द मौसम की ओर बढ़ रही दार्जिलिंग की वादियों में अचानक में आयी राजनीतिक गर्मी से उबलने लगा। कारण, तीन वर्षों के अज्ञानवास के बाद अचानक कोलकता में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के सुप्रिमों विमल गुरुंग व रौशन गिरी प्रकट होकर पत्रकार वार्ता कर भाजपा से नाता तोड़ना। आयोजित पत्रकार वार्ता में जहां गुरुंग ने भाजपा से नाता तोड़ने का एलान किया तो, वहीं लगे हाथ ममता बनर्जी के पक्ष में कसीदे पढ़ते हुए तृणमूल में शामिल होने का एलान भी कर दिया। ऐसे में पहाड़ों की रानी को गर्म होना लाजमी है।

मालूम हो कि अगल गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग की पहाडों में उग्र आंदोलन और खून-खराबे के चलते यहां का पर्यटन चौपट हो गया था। उस समय के घटनाक्रम में गोजमुमों सुप्रिमों विमल गुरुंग ने भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद तृणमूल का सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए गुरुंग पर सैकड़ों मुकदमें राज्यल सरकार ने लगाकर तलाश शुरु कर दी थी। हलांकि विमल को बंगाल पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी और भूमिगत हो गए। पूजा के पहले अचानक कोलकाता के पांच सितारा होटल में पहुंचकर विमल गुरुंग व रौशन गिरी समेत अन्यत नेताओं ने पत्रकार वार्ता कर पहाड़ समेत डुवार्स को चौंकाते हुए तृणमूल का दामन थामा तो सर्द वादियों में एक बार फिर राजनीतिक गर्माहट पैदा हो गई। अब सबसे बड़ा सवाल यह हो गया कि तीन वर्षों से गोरखलैंड के जीटीए की कमान सभांल रहे विनय तमांग खेमे में हलचल पैदा हो गई। पहाड़ के लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या  यह है कि अपने जनप्रिय नेता गुरुंग को स्वीसकार करे या विनय तमांग के साथ चलता रहे।

कुर्सी की लड़ाई की संभावना हुई तेज

कभी विमल के एक इशारे पर ठप होने वाले पहाड़ पर अशांत होने के बादल मंडरा रहे हैं। कारण विमल से अलग होकर तृणमूल का दामन थामने वाले विनय तमांग की जीटीए की कुर्सी रहेगी या नहीं ये तो वक्ते बाताएगा, पर भीतर खाने जोड़ा-तोड़ का खेल शुरू हो चुका है। वहीं विमल के पहाड़ आने पर पहाड़ के क्याा हालात होंगे तो वक्त  बताएगा। पर एक बात तय है कुर्सी की लडाई कौन किसपर भारी होगा समय बताएगा। हलांकि विनय खेमा ने पहाड़ा में शांति की बात करते हुए विमल को नकारने की बात को खुलकर नहीं बोल रहे हैं। लेकिन कुर्सी को लेकर पहाड़ में टकराव की संभावना प्रबल दिख रही है।

कालिंगपोंग में स्वागत, तो दार्जिलिंग में विरोध

  दार्जिलिंग में दशहरे के मौके परप अचानक रविवार को विभिन्न क्षेत्रों से गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा के नेताओं ने रैली निकाली। इस रैली में विमल गुरुंग के खिलाफ शांति रैली निकाली जो दार्जिलिंग चौरस्ता पर जमा हुई। रैली को संबोधित करते हुए विनय तमांग गुट के गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा के अध्यक्ष आलोक कांति मनी थुलुंग ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विनय तमांग का गुट विमल गुरुंग के पहाड़ पर आने के पक्ष में नहीं है। विनय तमांग गुट का ऐसा मानना है कि विमल गुरुंग के पहाड़ पर आने से फिर पहाड़ अशांत हो जाएगा। उधर, गोजमुमो अध्यक्ष बिमल गुरुंग दार्जिलिंग लौटने को लेकर उनके समर्थकों में उत्साह है। वहीं गुरुंग स्वागत के लिए दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में समर्थकों द्वारा जगह-जगह झंडे, पोस्टर व बैनर लगाए जा रहे हैं। खबर थी कि बिमल व उनकी टीम दशहरा के उपलक्ष्य में दार्जिलिंग आने की संभावना थी।  फिर खबर आई कि वह महाअष्टमी को नहीं बल्कि बाद में आएंगे। इधर, सूत्रों की मानें तो वह दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के लोगों के सबसे बड़े त्योहार दशहरा की ‘दशई’ (विजय दशमी) के दिन दार्जिलिंग में कदम रख सकते हैं। अब दोनों गुटों को लेकर किसी भी अप्रत्यांशित घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।