सभी तरह की सवाधानियों का किया जा रहा पालन: आईजी
कोरोना की चपेट में बीएसएफ का उत्तर बंगाल फ्रंटियर
क्वारंटाईन सेंटर का प्रभारी था संक्रममित इंस्पेक्टर
न्यूज भारत, सिलीगुड़ी: कोरोना(कोविड-19) ने अब भारत की सीमाओं की सुरक्षा में लगे जवानों को अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है। हलांकि उत्तर बंगाल फ्रंटियार मुख्यालय में क्वारंटाईन केन्द्र प्रभारी बिना लक्षण के कोरोना संक्रमित होने से बीएसएफ(सीमा सुरक्षा बल) के जवान सकते में हैं। सबसे अहम बात यह है कि संक्रमित जवान पिछले चार माह से कैंपास से बाहर ही नहीं गया और वर्तमान में उत्तर बंगाल फ्रंटियर में बने क्वारंटाईन सेंटर का प्रभारी है और रविवार को उक्त जवान को कोरोना संक्रमित होने से बीएसएफ में भय हो गया है। इस बावत बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर को महानिरीक्षक ए के सिंह ने बताया कि बताया कि सभी तरह के सावधानियों का पालन किया जा रहा है। हलांकि संक्रमित इंस्पेक्टर पिछले कई माह से वह कैंपस के बाहर नहीं गया। हालांकि छुट्टी या बाहर से आने जवान व अधिकारियों को 14 दिन क्वारंटाईन रखा जा रहा है, और संक्रमित जवान इस केन्द्र का प्रभारी है। सबसे अहम बात यह है कि उक्त संक्रमित जवान में कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं था। आज संक्रमित होने की जानकारी के बाद सभी प्रकार की सावधानियों का पालन किया जा रहा है और संक्रमित जवान कैसे हुआ उसकी जांच भी की जा रही है। आईजी ने बताया कि सभी तरह के नियमों का पालन किया जा रहा है और कोशिश यही है कि हम अपने जवानों को कोरोना से संक्रमित होने से कैसे बचाया जाय। मामूम हो कि पूर्वोत्तर अगरतल्ला फंटियर के अम्बासा सेक्टर के कैंपस में 138 बटालियन में भी इसी प्रकार संक्रमित जवान छुट्टी से आने बाद 14 क्वारंटाईन रखने के बाद कोई लक्षण नहीं होने के बाद उसे सीमा पर भेजा गया और करीब 41 दिन बाद पेट में दर्द के बाद उसकी जांच की गई और वही कोरोना संक्रमित पाया गया। जिसके कारण एक कैंपस में 138 व 86 के करीब 150 जवान कोरोना संक्रमित हो गए और वे अभी पूरी तरह ठीक हो गए। जबकि दो जवानों का इलाज चल रहा है। बताते चलें कि उत्तर बंगाल समेत बीएसएफ के सभी कैंपस में बाहरी व्याक्तियों के प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। बावजूद इसके बीएसएफ के जवानों में कोरोना से संक्रमित होने बढ़ते मामले को देखते हुए सुरक्षा के और कड़े इंतजाम किया गया है और संक्रमित होने से चिंता की लकीरें बढ़ा दी है।