बाहर नहीं जाने से फल व सब्जियों के भाव गिरे
न्यूज भारत, गलगलिया: वैश्विक बिमारी कोरोना का संकट हर जगह पड़ा है, किसानों के साथ उनकी फसलों पर भी पड़ा है। कोरोना के कारण पिछले 22 मार्च से हुए लाकडाउन के कारण सब्जी उत्पादकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इतने लंबे दिनों तक चले लाकडाउन ने खासकर सब्जी उत्पाोदकों की कमर ही तोड़ दी है। जिन सब्जियों के उत्पाादन में 10 से 15 रूपये का खर्च आता है आज वे मजबूरी से 5 रूपये के आसपास बेचने को मजबूर हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार की सीमा पर स्थित नक्शलबाड़ी, अधिकारी, गलगलिया, खोरीबड़ी समेत आसपास के इलाके में प्रयाप्त मात्रा में सब्जी उत्पादन होता है इसमें मुख्यत भिंडी, करेला, मिर्ची , खीरा समेत अन्य हरी सब्जियों होता है और इसे सिलीगुड़ी समेत अन्य शहरों में भेजा जाता है। परंतु लाकडाउन के कारण ये सब्जियां बड़े बाजार तक नहीं पहुंच रही है। जिसके कारण किसानों को औने पौने दाम पर स्थानीय बाजारों में सब्जियों को बेच रहे है। इस क्षे्त्र में सब्जियों के अलावा व्यापक स्तर पर अनानाश, और केला की खेती होती है, कोरोना का असर इस फल पर भी ब्यापक रूप से पड़ा है। किसानों की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही पूंजी लगाने के बाद फल आने पर भी उसका सही मूल्य नहीं मिल पाना उनकी चिंताओं का बड़ा कारण बना हुआ है | केला उत्पादक संजय गुप्ता ने बताया कि लाकडाउन के कारण बाहर से व्यापारियों का आना बंद हो गया है, जिसके कारण केला अब पेड़ पर पक कर खराब हो जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस लाकडाउन के कारण करीब 70 से 80 हजार का नुकसान हुआ है।