बंगाल में 12 व उड़ीसा में 3 की मौत
कोरोना के संकट पर अंफान का कहर
संचार सेवाएं ठप अंधकार में डूबा बंगाल
कोलकाता की सड़कें हुई पानी पानी 5200 मकान क्षतिग्रस्त,
उखड़े पेड़ टूट गए नदियों पर बने बांध
न्यूज भारत टीम, कोलकाता/भुवनेश्वर: कारोना के संकट में बंगाल और उड़ीसा को 21 साल बाद समुंदर में उठे बवंडर ने ऐसी तटीय क्षेत्रों में तबाही का जख्म दिया कि, कोरोना के खौफ से जूझ रहे लोगों को ''अंफान'' ने कैसे एक और नया जख्म दिया उसे आने वाली पीढ़ीयों को भी सुनाया जायेगा। सुपर साइक्लोन अम्फान ने बंगाल के पूर्व और पश्चिमी मेदिनीपुर उत्तर और दक्षिणी 24 परगना कोलकाता के तटीय इलाकों को प्रभावित करते हुए भारी तबाही मचाई है। इस तबाही में बंगाल में 12 व उड़ीसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोगों के घायल होने की सूचना है। बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान अंफान बुधवार दोपहर करीब 2.30 बजे बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हाटिया के बीच कहर बरपाता हुआ तट से टकराया, इस दौरान हवा की गति 190 किलोमीटर प्रति घंटे तक थी। हजारों पेड़ उखड़ गए। तेज हवा और भारी बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। कच्चे मकानों के साथ-साथ कोलकाता समेत कई इलाकों में कई पुरानी पक्की इमारतें भी धराशायी हो गईं। वहीं तूफान के कारण हुई भारी तबाही से कोलकाता की सड़कें ने नदियों का रुप ले लिया। रिपोर्टों के मुताबिक, उत्तरी 24 परगना जिले में करीब 5200 घरों को क्षति पहुंची है। बिजली के खंभे, लैंपपोस्ट, टेलीफोन टावर, ट्रैफिक सिग्नल धराशायी होने के साथ नदियों के तटबंध तक टूट गए। अंफान को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस महाविनाशकारी तूफान से दक्षिण बंगाल में भारी तबाही हुई है। सागरद्वीप से तूफान टकराने के बाद 135 से 140 किलोमीटर की रफ्तार में हवा चल रही थी, जिससे मची तबाही कल्पना से परे है।