तालाब में दौड़ती सड़कों से पैदा होगा विकास..?

अहिरौली बाजार से ईस्‍टवेस्‍ट कोरीडेार को जोड़ने वाली सड़क का बुरा हाल

टूटी सड़क से 11 किमी की दूरी एक घंटे से अधिक समय में होती है पूरी

फोरलेन 15 मील को जोड़ता मेन रोड बोदरवार से होकर निकलती है संड़क

योगी संसदीय क्षेत्र के साथ जोड़ता है चार विधान सभा क्षेत्र व विकासखंड

सुमंत तिवारी, अहिरौली बाजार (कुशीनगर)

सड़क गढ्ढे में है, या गढ्ढा सड़क पर यह कहना मुश्किल लगेगा। विकास की आस में में गोरखपुर संसदीय क्षेत्र के साथ तीन विधान सभा को जोड़ने वाली सड़क का बुरा हाल है। अहिरौली बाजार जनपद कुशीनगर से ईस्‍टवेस्‍ट कोरीडोर फोरलेन को जोड़ने वाली मुख्‍य सड़क जो बोदवार से शुरू होकर अहिरौली बाजार होते हुए 15 मील फोरलेन पर मिलती है। इस सड़क के विकास की कहानी पहले बसों का आवागमन था, अब शायद ठप है। 11 किलोमीटर सड़क का हाल यह है कि इस 11 किमी सड़क पर तालाब जैसा नजारा है। अगर तालाब से निकले तो गढ्ढे में और गढ्ढे से बचे तो उबड़-खाबड सडकों पर क्‍या इसी को विकास कहते हैं.?

हलांकि इस सड़क के हालत के लिए सिर्फ भाजपा की योगी सरकार ही दोषी नहीं है। इससे पहले की सरकारें भी कभी इस सड़क पर अपना बहुमूल्‍य वोट के फर्ज को नहीं निभाया। तीन विधान सभा से होकर गुजरने वाली सड़क पर अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधी की नजर नहीं पड़ी.? दर असल में सवाल इस सड़क का नहीं है, सवाल जनप्रतिनि‍धियों की भावना का है, जो शायद दिशाहीन हो चुकी है। तीन विधानसभा और एक संसदीय क्षेत्र के साथ सुकरौली विकासखंड को जोड़ने वाली सड़क का जब इतना बुरा हाल है तो और विकास की बात क्‍या होगी।

मालूम हो कि देश को विकासीत करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्‍व.अटल बिहारी बाजपेयी जी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट में शामिल इस्‍टवेस्‍ट कोरीडोर, फोरलेन का खाका खींचा गया था। हालांकि उनके जाने के बाद इस परीयोजना को पूरी तो किया गया। लेकिन सपनों की तलाश ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के सपनों की सड़क का काम आज भी अधूरा रहा। ईस्‍टवेस्‍ट कोरीडोर का निर्माण का काम तो पूरी होने के कगार पर है, पर स्‍व. अटल जी के सपनें आज भी इस योजना पर अधूरे हैं। जिसमें मुख्‍यरूप से गांवों की सड़कों को जोडंने की योजना और पूरी तरह से इस सपनों के सड़क को पूरा करने का सपना आज भी अधूरा है। वर्ष 1998 में की योजना में 3300 किलोमीटर की सड़क तो बन गई पर आज भी पूरी नहीं हुई। अभी इस योजना के करीब 10 प्रतिशत से अधिक सड़के आज भी अधूरी है। वहीं कही-कही इस ड्रीम प्रोजेक्‍ट की बनी सड़क पर या तो अतिक्रमण है, या सड़के बदहाल हो गई।