बाढ़ हुई विकराल, असम, बिहार व उत्तेर प्रदेश में तबाही

गंडक में पानी छोड़े जाने से बिहार और विकराल हुई बाढ़

असम में अब तक 89 की मौत, 26 जिले के 4 लाख से लोग प्रभावित

गोरखपुर में खतरे के निशान से ऊपर पहुंची राप्ती और रोहिन, पानी में डूब रहेग गांव

न्यू ज भारत टीम, सिलीगुड़ी, गोरखपुर/पटना/ गुवाहटी : असम में ब्रह्रमपुत्रा के विकराल रूप ने पुरे असम में बाढ़ का इस रूप के चलते दो लोगों की मौत के साथ अब संख्या बढ़कर कुल 89 हो गर्इ। वहीं राज्य के 26 जिलों में बाढ़ के कहर से करीब 26 लाख से अधिक की जनसंख्या प्रभावित हो गर्इ हैं। वहीं असम राज्य आपदा प्रबंधन की मुताबिक बुधवार को बारपेटा के बागबोर में एक और मोरीगांव रेवेन्यू सर्किल के पास एक अन्य की बाढ़ से मौत हुई। प्राधिकरण के मुताबिक अब तक राज्य में बाढ़ से 89 लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, दारंग, बक्सा, नालबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, कोकराझार, ढुबरी, गोलपारा समेत 26 जिलों में हालात बहुत बुरे हैं। इसमें गोलपारा सबसे ज्यादा प्रभावित है एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि बाढ़ ग्रस्त असम में स्थिति और खराब हो गई जहां दो और लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो गई,। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की बुधवार को बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, बारपेटा के बाघबोर और मोरीगांव जिले के मोरीगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ ही इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन में राज्य भर में मरने वालों की संख्या 115 हो गई है जिनमें 89 की मौत बाढ़ से और 26 की मौत भूस्खलन से हुई है।  राज्य बुलेटिन के मुताबिक, बाढ़ के कारण अभी तक 120 जानवरों की मौत हुई है जबकि 147 अन्य को काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क से बचाया गया है।

गोरखपुर में खतरे के निशान से ऊपर पहुंची राप्ती और रोहिन

उत्तर प्रदेश पूर्वांचल में गोरखपुर में राप्ती और रोहिन नदियां खतरे के निशान को पर कर बह रही हैं। भारी बारीश के कारण दोनों नदियों में बढ़त जारी है। सरयू नदी अयोध्या पुल और तुर्तीपार में भी खतरे के निशान को पार कर गई है। कुआनो नदी खतरे के निशान तक पहुंचने से पहले स्थिर हो गई है। नदियों में पानी बढ़ता देख प्रशासन ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। जबकि मंगलवार शाम चार बजे राप्ती नदी बर्डघाट में खतरे के निशान 74.89 मीटर से ऊपर 75.28 मीटर पर बह रही थी। सरयू नदी अयोध्या में खतरे के निशान 92.73 मीटर से थोड़ा ऊपर 92. 84 मीटर तक पहुंच गई है। तुर्तीपार में सरयू नदी 64.22 मीटर पर बह रही। जिला आपदा नियंत्रण कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि जिले के 29 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इन गांवों में नागरिकों की सुविधा के लिए 44 नावों की व्यवस्था की गई है। बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर 86 बाढ़ चौकियां बनाई हैं।

बिहार और विकराल हुई बाढ़  

पिछले दो दिनों से नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश बिहार की नदीयों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहाहै। वहीं बराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण मुजफ्फरपुर की पांचों प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है। जबकि गंडक नदी पारू व साहेबगंज में तबाही मचाने लगी है, तो बागमती व लखनदेई व मनुषमारा औराई, कटरा व गायघाट में तबाही मचाने लगी है। वहीं पांचों प्रखंड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और बड़ी संख्या में निचले इलाके के लोगों को बांध व एनएच पर शरण लेनी पड़ी है। बूढ़ी गंडक में उफान से मुजफ्फरपुर शहर के तटवर्ती हिस्सों में कई मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिरे हैं।

असम के लिए 346 करोड़ रुपये का एलान

केंद्र सरकार ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित असम के लिए 346 करोड़ रुपये की पहली किस्त का एलान किया है। प्रदेश के 26  जिलों में बाढ़ से करीब 56  लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बाढ़ के मुद्दे पर विस्तार से बातचीत की। शेखावत ने सोनोवाल से डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट फंड के तहत और प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया, ताकि राज्य के लिए और वित्तीय मदद जारी की जा सके।