दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस

• हरित एवं सतत विकास के संकल्प के साथ किया गया पौधारोपण

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर|5 जून : दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन के संरक्षण में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत पौधारोपण अभियान से की गई। इस अवसर पर छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।

कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण पर आधारित प्रश्नोत्तरी और सतत विकास से संबंधित विशेषज्ञ व्याख्यान भी आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य प्रतिभागियों में पर्यावरणीय चेतना को बढ़ाना रहा।

संस्थान के निदेशक प्रो. अमित कुमार निगम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "आज के समय में पर्यावरण संरक्षण केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी है। हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए हरित जीवनशैली को अपनाना चाहिए।"

कार्यक्रम के सफल संचालन में सहायक आचार्य श्री राज किशोर, डॉ. विशाल, श्री आशीर्वाद, श्री गौरीश नारायण और श्रीमती सनोबर की विशेष भूमिका रही।

कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित लोगों द्वारा एक हरित और स्वस्थ ग्रह के निर्माण हेतु योगदान देने की प्रतिज्ञा के साथ किया गया।

यह आयोजन न केवल पर्यावरण के प्रति चेतना जगाने का माध्यम बना, बल्कि विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रकृति से जोड़ने का भी एक प्रभावी प्रयास सिद्ध हुआ।

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को ‘पर्यावरण चैंपियन पुरस्कार 2025’ से नवाजा गया

• पर्यावरण संरक्षण में समग्र उत्कृष्टता के लिए उत्तर प्रदेश से चुना गया एकमात्र विश्वविद्यालय

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर| 5 जून : दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान को ‘पर्यावरण चैंपियन पुरस्कार 2025’ से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार विश्वविद्यालय को "चैंपियन इंस्टीट्यूशन फॉर नेचर (समग्र उत्कृष्टता)" श्रेणी में प्रदान किया गया, जिससे वह उत्तर प्रदेश से चयनित एकमात्र विश्वविद्यालय बन गया है।

यह सम्मान विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान में आयोजित विशेष समारोह में प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में चिपको आंदोलन की अंतिम जीवित कड़ी सुदेशा देवी और विशिष्ट अतिथि श्री अनूप नौटियाल, संस्थापक, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (SDC) फाउंडेशन उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय की ओर से यह पुरस्कार सहायक आचार्य एवं पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों की समन्वयक डॉ. नूपुर सिंह ने ग्रहण किया।

पिछले वर्षों में संस्थान द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रभावी पहलें की गई हैं, जिनमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, जल संरक्षण, वृक्षारोपण अभियान, वेटलैंड संरक्षण, किसान संगोष्ठियां, किसान एक्सपो और ‘श्री अन्न मेला’ जैसे कार्यक्रम प्रमुख हैं। इन प्रयासों ने न सिर्फ पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ाया है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी सतत विकास की दिशा में सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित किया है।

यह पुरस्कार भारतीय वन्यजीव संस्थान, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) और भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित किया गया।

इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने संस्थान को बधाई देते हुए कहा, “यह सम्मान विश्वविद्यालय की सतत प्रतिबद्धता, नवाचार और सामुदायिक सहभागिता का प्रतीक है। यह हमें भविष्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में और अधिक प्रभावी कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।”

 

विश्व पर्यावरण दिवस पर रोवर्स-रेंजर्स विभाग ने किया पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान

• “वृक्ष धरा के भूषण, दूर करते प्रदूषण” का संदेश लेकर हुआ कार्यक्रम

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर|5 जून : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रोवर्स-रेंजर्स विभाग द्वारा आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला संस्था की देखरेख में संपन्न हुआ, जिसमें रोवर और रेंजर स्वयंसेवकों ने न केवल पौधे लगाए, बल्कि कार्यक्रम स्थल की साफ-सफाई भी की।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. विनय कुमार सिंह ने पर्यावरण संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, "मानव द्वारा अत्यधिक दोहन के कारण प्रकृति असंतुलित हो चुकी है। वनों की कटाई, जल प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग के चलते संपूर्ण जैव-विविधता संकट में है। ऐसे में वृक्षारोपण, संरक्षण और जल-संवर्धन ही हमारे भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।"

इस अवसर पर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि हमारा पारिस्थितिक तंत्र गंभीर असंतुलन की ओर बढ़ रहा है, जो सभी जीव-जंतुओं के लिए संकट का संकेत है। उन्होंने वृक्षारोपण और जैविक विविधता के संरक्षण का आह्वान किया।

डॉ. रंजन लता ने उपस्थित छात्रों और स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि "वृक्ष न केवल ऑक्सीजन का स्रोत हैं, बल्कि पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करने में भी सहायक हैं। हमें इनका संरक्षण व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझकर करना चाहिए।"

जिला प्रशिक्षण अधिकारी सूरज चन्द ने भी स्वच्छता पर विशेष जोर दिया और कहा कि "स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चलते हैं। एक स्वच्छ वातावरण ही स्वास्थ्य और हरियाली को सुनिश्चित कर सकता है।"

इस आयोजन में रोहित सैनी, मानुष कसेरा, रणवीर सिंह, तनु मिश्रा, आंचल सिंह एवं सेजल साहनी सहित कई विद्यार्थी सक्रिय रूप से सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए सतत प्रयास करने की शपथ के साथ किया गया।

 

डीडीयू में विश्व पर्यावरण दिवस पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन

• पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश, औषधीय और छायादार पौधे लगाए गए

एनई न्यूज भारत,गोरखपुर|5 जून : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व विभागाध्यक्ष प्रो. राजर्षि कुमार गौड़ ने किया। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय समुदाय में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और हरियाली को बढ़ावा देना था।

इस अवसर पर विभाग के शिक्षकों, कर्मचारियों और शोधार्थियों ने मिलकर आम, अमरूद, पपीता, सीता-अशोक, एरिक पाम, मोरपंखी, अपराजिता और रजनीगंधा जैसे औषधीय एवं छायादार पौधों का रोपण किया।

वरिष्ठ आचार्य प्रो. दिनेश यादव ने वृक्षारोपण को पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। वहीं, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. शरद कुमार मिश्रा ने कहा कि "प्रकृति के संरक्षण में हमारी सक्रिय भागीदारी समय की मांग है।"

कार्यक्रम में सभी उपस्थितों ने पर्यावरण की रक्षा करने और हर वर्ष कम से कम एक पौधा लगाने का संकल्प लिया। सहायक आचार्य डॉ. गौरव सिंह सहित विभाग के अन्य सदस्यगण भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

यह आयोजन विश्वविद्यालय की हरित पहल का एक अभिन्न अंग था और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को नियमित रूप से जारी रखने का संकल्प लिया गया।