गीतांजलि 8वां आम उत्सव का आयोजन व्यापार और स्वाद का होगा संगम

• 145 से अधिक आम की प्रजातियाँ और उनसे बने उत्पाद बने आकर्षण का केंद्र

• भारत के विभिन्न राज्यों के साथ भूटान और नेपाल की भागीदारी से इस महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप मिला

एनई न्यूज भारत,सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी के सिटी सेंटर मॉल में शुक्रवार से गीतांजलि 8वां आम उत्सव का भव्य आग़ाज़ हुआ, जो तीन दिनों तक चलेगा। इस आयोजन का उद्घाटन पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भूटिया, सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव, बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों, उत्तर बंगाल के उत्पादक शुल्क के विशेष आयुक्त सुजीत दास और मॉडल केयर टेकर सेंटर स्कूल के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ।

6 से 8 जून तक सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक चलने वाले इस उत्सव में 145 से अधिक किस्मों के आम और उनसे बने विविध उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें आम कैंडी, अचार, जूस, पापड़ और आम सत्तू प्रमुख हैं। इस आयोजन को न केवल स्वाद का उत्सव बल्कि स्थानीय व्यापार को नई उड़ान देने वाला अवसर माना जा रहा है।

सबसे महंगा आम ‘गोपाल भोग’ ₹120/किलोग्राम, जबकि सबसे सस्ता ‘लखन भोग मां’ ₹60/किलोग्राम की दर पर उपलब्ध है

प्रमुख आकर्षण स्टॉल्स की झलक

स्टॉल 1 – दार्जिलिंग स्ट्रॉबेरी गार्डन: एवोकाडो, चेरी प्लम, स्ट्रॉबेरी वाइन, पौधे

स्टॉल 2 – मैंगो ट्री विलेज हट: हस्तशिल्प – बैग, बाली, टोकरियाँ

स्टॉल 3 – संडे हट: डॉली कलेक्शन (पौधे, किराना), अब्रू (हस्तनिर्मित वस्त्र), पेरिस कलेक्शन (क्रोशिया), लूम (खादी)

स्टॉल 4 – श्री श्री मोनिलाल भंडारी: पारंपरिक मिठाइयाँ

स्टॉल 5 – DOMS: स्टेशनरी उत्पाद

स्टॉल 6 – एनबीयू CoFAM: साबुन, अचार, पौधशाला

स्टॉल 7 – हनी एंड टूरिज्म: शहद आधारित स्किन केयर उत्पाद

स्टॉल 8 – XO XO फूडीज़: मैंगो शेक, लस्सी, पानी

विशेष आम उत्पाद स्टॉल्स

ACT & WICCI: सरसों का तेल, बॉरी

मैंगो उत्पाद स्टॉल: आम पन्ना, ड्राय पान, पान चाय, मैंगो जूस

जॉय शॉप (मालदा): बॉरी, आम सत्तू, जैम, चुरपी, हल्दी

भूटान, मेघालय और अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता

भूटान स्टॉल्स: याक ऊन बैग, मसाज बॉल, हर्बल चाय, शहद, मसाले

मेघालय – ब्रेव एंटरप्राइज: लाकाडोंग हल्दी, काली मिर्च, पत्थर का फूल

Bangla Natak Dot Com: कांथा स्टिच, इकत, सांबल साड़ी

नेपाल और भूटान ने भी अपने देश के आम और उत्पादों के साथ हिस्सा लिया, जिससे यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है।

उद्देश्य और महत्त्व

यह उत्सव न केवल आम प्रेमियों के लिए स्वाद का आनंद है, बल्कि पूर्वोत्तर भारत के शिल्प, कृषि, हर्बल उत्पाद और हस्तशिल्प को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान कर रहा है।

तीन दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव सिलीगुड़ी के व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक समावेशिता को एक नई दिशा देने वाला साबित हो रहा है।