• भारतीय परंपरा और आधुनिक शिक्षा के समन्वय की दिशा में एमएमएमयूटी की पहल
• वेद, दर्शन, विज्ञान और वास्तुकला जैसे विषयों पर आधारित होंगे विशेष पाठ्यक्रम
एनई न्यूज भारत,गोरखपुर : भारत की समृद्ध बौद्धिक परंपराओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहा है। विश्वविद्यालय में Indian Knowledge System (भारतीय ज्ञान प्रणाली) के अध्ययन-अध्यापन हेतु एक पृथक विभाग की स्थापना की जाएगी। यह विभाग उत्तर प्रदेश में अपनी तरह का पहला विभाग होगा जो भारतीय ज्ञान परंपरा को शिक्षा के मुख्यधारा पाठ्यक्रम में सम्मिलित करेगा।
हाल ही में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे. पी. सैनी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर सहमति बनी है। विभाग की स्थापना से संबंधित औपचारिकताएं शीघ्र पूरी कर ली जाएंगी और विभागाध्यक्ष की नियुक्ति भी जल्द की जाएगी।
भारतीय परंपरा को शिक्षा से जोड़ने की पहल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपराओं को पुनर्स्थापित करने और आधुनिक संदर्भों में विद्यार्थियों तक पहुंचाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। यूजीसी और एआईसीटीई द्वारा भी उच्च शिक्षण संस्थानों को इस दिशा में पाठ्यक्रम तैयार कर लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
वेद, योग, वास्तुकला और विज्ञान होंगे अध्ययन का हिस्सा
एमएमएमयूटी में बनने वाला यह विभाग वेद-भारतीय ज्ञान का आधार, इंजीनियरिंग मार्वेल्स ऑफ एन्सिएंट इंडिया, वैदिक गणित, महाभारत से जीवनसूत्र, गीता टुडे, षडदर्शन जैसे विषयों पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित करेगा। इसके अतिरिक्त विभाग शिक्षकों की नियुक्ति, पाठ्यक्रम निर्माण, मूल्यांकन और कक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी निभाएगा। साथ ही यह विभाग एक अध्ययन केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।
अन्य संस्थानों से अलग होगी यह पहल
हालांकि देश के कुछ प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईटी गांधीनगर, रुड़की, मंडी एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में पहले से IKS से जुड़े पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं, परंतु उत्तर प्रदेश में यह पहली बार है जब पूर्णतः स्वतंत्र विभाग के रूप में इसकी स्थापना की जा रही है।
एमएमएमयूटी का यह कदम भारतीय शिक्षा व्यवस्था को जड़ों से जोड़ने की दिशा में एक दृष्टांत के रूप में देखा जा रहा है।