• मिलावटखोरों चौराहों पर लगेंगी तस्वीरें होगा सामाजिक बहिष्कार
एनई न्यूज भारत,लखनऊ |14 मई: उत्तर प्रदेश में मिलावटखोरों की अब खैर नहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार को 'सामाजिक अपराध' करार देते हुए इस पर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय है और इससे किसी भी प्रकार का समझौता अक्षम्य होगा।
मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत मिलावटखोरों, नकली दवाओं के कारोबारी नेटवर्क और इस अपराध में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों की सार्वजनिक रूप से पहचान की जाए और उनकी तस्वीरें प्रमुख चौराहों पर चस्पा की जाएं, ताकि आम जनता भी इन्हें पहचान सके और समाज में इनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए।
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता आम जन का स्वास्थ्य है और इसे लेकर कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि तेल, घी, मसाले, दूध, पनीर जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुओं की जांच प्राथमिक स्तर पर यानी उत्पादक इकाइयों पर ही की जाए। खासतौर पर दूध और दुग्ध उत्पादों की सघन जांच के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी, जो लगातार निगरानी रखेंगी।
इसके अलावा, पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर उनके नेटवर्क पर भी प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की हिदायत दी, ताकि प्रदेश में आम नागरिकों को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य व औषधि सामग्री सुनिश्चित की जा सके।
यह फैसला प्रदेश सरकार की जनस्वास्थ्य के प्रति गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है और समाज में एक सशक्त संदेश भेजता है कि मिलावटखोरी अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कीजाएगी।