• कामाख्या में अत्याधुनिक बैक्टीरिया इनोकुलम प्लांट शुरू, ऑनबोर्ड स्वच्छता होगी और प्रभावी
एनई न्यूज भारत,गुवहाटी|24 अप्रैल: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने ट्रेनों में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने और यात्रियों को स्वच्छ, सुरक्षित तथा आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। इसी क्रम में कामाख्या कोचिंग डिपो में अत्याधुनिक बैक्टीरिया इनोकुलम जनरेशन प्लांट और एक समर्पित परीक्षण प्रयोगशाला की शुरुआत की गई है।
यह पहल भारतीय रेलवे में अपनी तरह की पहली है, जहां जैव-शौचालय में उपयोग किए जाने वाले एनोरोबिक माइक्रोबियल इनोकुलम्स (एएमआई) का उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण एक ही स्थान पर किया जा रहा है। यह विशेष बैक्टीरिया आधारित समाधान मानव अपशिष्ट को विघटित कर ट्रेनों में स्वच्छता बनाए रखने में मदद करता है।
नई इकाई की क्षमता 2,000 लीटर इनोकुलम प्रतिदिन है। इन-हाउस उत्पादन से न केवल लागत में कमी आई है, बल्कि डीआरडीओ प्रमाणित गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा रही है। कामाख्या की प्रयोगशाला नियमित रूप से इन इनोकुलम्स की साप्ताहिक जांच कर उनकी प्रभावशीलता और स्वच्छता मानकों का पालन सुनिश्चित करती है।
मार्च 2025 में इस सुविधा से एनएफआर के विभिन्न डिपो को 35,000 लीटर इनोकुलम की आपूर्ति की गई, जिससे जैव-शौचालयों की कार्यक्षमता और रखरखाव में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।
एनएफआर के इस प्रयास में ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग सेवा ओबीएचएस, स्टेशनों और डिपो पर मशीनीकृत सफाई और पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट प्रबंधन जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं। यह पहल न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रति एनएफआर की मजबूत प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
एनएफआर का यह नवाचार रेलवे स्वच्छता के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करने की ओर अग्रसर है, जो भविष्य में देश भर में रेलवे सेवाओं की गुणवत्ता में व्यापक सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।