एनई न्यूज भारत, मालदा : भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक बार फिर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महिला प्रहरियों की सतर्कता और साहस ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। बीएसएफ की बहादुर महिला जवानों ने न सिर्फ तस्करी की तीन कोशिशों को नाकाम किया, बल्कि 19 मवेशियों को भी तस्करों के चंगुल से छुड़ाया।
आर के वाधवा सीमा चौकी की घटना दिनांक 9 अप्रैल की सुबह लगभग 3:05 बजे, सीमा चौकी "आर के वाधवा" पर तैनात महिला प्रहरी ने अंधेरे का फायदा उठाकर सीमा की ओर बढ़ते तस्करों को देखा। बिना एक पल गंवाए उन्होंने अपने साथियों को सतर्क किया और अदम्य साहस दिखाते हुए तस्करों के सामने डट गईं।
जब तस्करों ने चेतावनी को अनदेखा किया और आक्रामक रुख अपनाया, तो महिला प्रहरी ने आत्मरक्षा और सुरक्षा के तहत पीएजी फायर किया। गोली की आवाज और महिला प्रहरी की दृढ़ता से घबराए तस्कर मवेशियों को छोड़ अंधेरे में भाग खड़े हुए।
घटना स्थल पर सघन तलाशी अभियान के दौरान 08 मवेशियों को बरामद किया गया।
अन्य घटनाएं भी बनीं वीरता का उदाहरण
इसी दिन मालदा क्षेत्र की अन्य दो घटनाओं में, 88वीं वाहिनी की हरीनाथपुर सीमा चौकी और 71वीं वाहिनी की पिरोजपुर चौकी पर बीएसएफ के जवानों ने तस्करी की कोशिशों को नाकाम करते हुए 11 मवेशियों को सुरक्षित छुड़ाया।
बीएसएफ की प्रतिबद्धता और पराक्रम
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि यह सफलता सीमा प्रहरियों की सतर्कता, कर्तव्यनिष्ठा और टीम भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बहादुर जवानों ने यह सिद्ध किया है कि यदि नीयत साफ हो, दृष्टिकोण व्यावसायिक हो और कर्तव्य के प्रति पूर्ण समर्पण हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।"
यह घटनाएं न केवल महिला सशक्तिकरण का उदाहरण हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं।