साधना की शख्सियत-7

न्यूज़ भारत, सिलीगुड़ीः "होनहार वीरवान के होत चिकने पात" ये कहावत हर किसी चेहरे पर होती है, परंतु ये कोई कोई स्वयं करके साबित कर देता है। कोई ऐसा होता है जिसके शब्दों और रचनाओं एक अलग तरह की कसक होती है, परंतु वह स्वयं को पहचान नहीं पाता है। लेकिन उनकी इस प्रतिभा को मित्र, गुरू, या कहीं की बात की प्रेरणा उसे मजबूर क़र देती है और जीवन के एक पड़ाव पर एक नयी मंजिल की ओर कदम बढ़ता है। इसी तरह अपनी " साधना शख्सियत" से एक युवा कवि " मुकेश कुमार मंडल" की पहली रचना। ".हम कभी कभी अपनी काव्य के माध्यम से रखते तो लोग मुझे बोलते थे , परंतु मैं हिम्मत नहीं जुटा पाता, हाल ही में मिला मेरे एक मित्र ने दबाव बनाया और कुछ लिखने को प्रेरित किया और विश्वव्यापी कोरोना ने मजबूर कर दिया।" मुकेश कुमार मंडल सिलीगुड़ी "कोरोना से जंग जीतेंगे हम" कोरोना वैश्विक महामारी से सारी दुनियां हो गयी है तंग, मिल कर करे इसका मुकाबला की हो जाये इसका फीका रंग । खांसी, कफ, बुखार हो तो, करे संपर्क डाक्टर को फोरन, इस महामारी से बचना हे तो करे कुछ नियमों का पालन। लोकडाउन में घर में रहकर कभी आप न आपा खोये, बार-बार अपने हाथों को साबुन और पानी से धोये। स्वस्थ रहे, सुरक्षित रहे, हर हाल में भीड़भाड़ से हटे। छींकते या खांसते समय, अपनी नाक को रुमाल से ढके। चींता न कर आप कुछ पल सूकून की नींद सो लै, अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से पहले हाथों को धोले। कभी क्रोध, ईश्यॉ, जलन को अपने मन में न पाले, प्रयोग किए गये टिशु को तुरंत बंद कुङेदान में डाले। बाहर जाना हैं अगर तो निश्चित रूप से करना यह टास्क, अपने मुंह को जरुर ढकै बने हुए कपड़े का मास्क। आशा है कि कट जाएगा यह पल हँसते - हँसते, किसी से मिलना हे अगर तो हाथ जोड़कर करे नमस्ते।