राजेश शर्मा, जयगांवः भूटान की दोहरी नीति व कुछ स्थानीय नेताओं की मिली भगत से भारत-भूटान सीमा पर बाजार जयगांव वैश्विक कोरोना संकट काल में दहशत में जी रहा है। कारण कि रेड जोन से आने वाले वाहनों का ठहराव जयगांव के पास होता है और वाहन चालक बाजार खुला होने से जयगांव में ही खरीदारी करते हैं। उक्त बातें रविवार को अपने निवास भूलन चौपाती पर भारतीय जनता पार्टी के अलीपुरद्वार जिला अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। श्री शर्मा ने कहा कि भूटान अपना गेट तभी खोलता है जब उसकी आवश्यकता होती है सामान की ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर भूटान को भूटान गेट खोलना है तो पूरी तरह खोले अथवा गेट को पूरी तरह से बंद कर दे। वहीं कुछ बड़े लोगों को भूटान में प्रवेश और सामान भेजने की अनुमति देता है, जिसकी सेटिंग्स है, बाकी छोटे व्यापारी लाकडाउन का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा की भूटान को जिस वस्तु की आवश्यकता होती है, उसके लिए भूटान के द्वारा उस वाहन का नंबर भूटान में ट्रेड को दिया जाता है और वह सामान भारत से भूटान में चला जाता है । उन्होंने कहा की इस जगह भूटान के द्वारा भारत के पंजाब , महाराष्ट्र , गुजरात आदि जैसे रेड जॉन एरिया से सामान मंगाया जा रहा है, जिसकी पार्किंग जयगॉव के दलसिंगपारा के पास स्थित पाìकग इलाकों में पहुंच वाहन खड़े कर देते है। यहा वे रुकते है एवं यह वाहन चालक यहां के लोगो के साथ मिलकर एवं खरीदारी और बाजार में आवागमन करते है। वही यहा से जब यह ड्राइवर भूटान में प्रवेश करते है तब उन्हें भूटान में प्रताड़ित किया जाता है। यहां तक कि वाहन चालकों को भूटान के भीतर वाहन से नीचे उतरने तक नहीं दिया जाता साथ भूटान में तेल तक भरने नहीं दिया जाता। ऐसे में ये चालक भूटान से वापस लौट कर जयगॉव क्षेत्र में रुकते है एवं यहां से वापस आगे की यात्रा आरम्भ करते है।उन्होंने कहा की भूटान के साथ मित्रता धर्म निभाने हुए उन्हें लगातार विभिन्न सामानों की सप्लाई किया जा रहा है, मगर सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहा पहुंचने वाले इन वाहन चालकों से इस ग्रीन जोन क्षेत्र में भी संक्रमण फैलने का खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा की भूटान को सिर्फ सेवा चाहिए उन्हें वाहन वाले के दुख व परेशानी से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब किसी छोटे व्यापारी को भूटान की करेंसी से भारत के लिए ड्राफ बनवाना होता है, तो इसके लिए एक स्थानीय पंचायत प्रधान से परमीशन लेना पड़ रहा है। उसके लिस्ट के आधार पर ही भूटान के अंदर प्रवेश मिल रहा है।