2022 में माटीगाड़ा में दर्ज हुई थी प्राथमिकी, हुआ फरार, दुबई से ऑपरेट करता था साइबर कारोबार
अभिषेक बंसल है गिरोह का सरगना, देश में कुल 704 म्यूल अकाउंट हुआ जब्त
विधाननगर साइबर क्राइम थाने में दर्ज मामले में पुलिस ने इस मामले में 17 लोगों को दबोचा
एनई न्यूज भारत, कोलकाता/सिलीगुड़ी
सिलीगुड़ी से साईबर फ्राड में कदम रखने वाले सीए अभिषेक बंसल ने अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय होकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना बन गया और दुबई से आपरेट करता था। वेस्ट बंगाल साइबर विंग और विधाननगर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने इस अंर्तराष्ट्रीय साइबर फ्राड का भंडाफोड़ किया है। विधाननगर साइबर क्राइम की पुलिस ने मामले में गिरोह के तीन सरगना अभिषेक बंसल, मंयक चौधरी और अमित जिंदल समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य सरगना अभिषेक बंसल सिलीगुड़ी के खालपाड़ा का रहने वाला है और वह पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट था। जबकि मयंक चौधरी गुजरात का और अमित जिंदल हरियाणा के फरीदाबाद का निवासी है। इनके अलावा पुलिस ने नागेरबाजार स्थित एक प्राइवेट बैंक के मैनेजर को भी दबोचा है। जबकि विधाननगर साइबर क्राइम टीम ने अभिषेक बंसल, मंयक चौधरी और अमित जिंदल से जुड़े अब तक 704 म्यूल अकाउंट जब्त किये हैं। इन म्यूल अकाउंट को जालसाजों ने कसबा इलाके में एक ऑफिस खोलकर बनाया गया था।
विधाननगर में 1.13 करोड़ की ठगी दर्ज हुआ था मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार कोलकाता के विधाननगर साइबर क्राइम थाने में 24 जून 2024 को एक व्यक्ति ने 1.13 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करायी थी। पीड़ित व्यक्ति को स्टॉक में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा का लालच देकर ठगी का शिकर बनाया गया था। साइबर ठगों ने उनसे नामी कंपनी की वेबसाइट बनाकर ऐप डाउनलोड कराकर ठगी को अंजाम दिया। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने कसबा इलाके के ऑफिस में छापामारी कर वहां से 7 लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस के पूछताछ में गिरोह के तीन सरगना के बारे में पता चला। पुलिस ने बिहार के मुजफ्फरपुर से मयंक चौधरी को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद अभिषेक बंसल और अमित जिंदल को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार साइबर ठगों के ऑफिस से 704 बैंक अकाउंट के दस्तावेज बरामद किये गये। उन बैंक अकाउंट को खंगालने पर पता चला कि उन बैंक अकाउंट में देशभर के 1594 लोगों से की गयी ठगी की रकम जमा की गयी और इस ठगी की रकम करीब 250 करोड़ रुपये है। साइबर ठगों ने देश के 29 राज्यों के 430 जिलों के 894 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में रहनेवाले वालों को अपने जाल में फंसाकर ठगी का शिकार बनाया है।
नेपाल के कैसीनो में रचि गई थी अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का प्लान
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस अंर्तराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह की नींव नेपाल के एक कैसीनो में रखी गयी। कुछ साल पहले मयंक चौधरी और अमित जिंदल की मुलाकात नेपाल के कैसीनो में हुई थी। वहां मुलाकात के दौरान दोनों ने साइबर ठगी करने वाला गिरोह बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद दोनों दुबई गये और वहां पहले से मौजूद सिलीगुड़ी का साइबर ठग और गिरोह के सरगना अभिषेक बंसल को जोड़ लिया। क्योंकि अभिषेक बंसल कोलकाता के बारे में जानता था इसलिए उन्होंने कोलकाता में एक ऑफिस खोला । कोलकाता ऑफिस में काम करने वाले एजेंट विभिन्न गरीब लोगों को ग्रामीण इलाकों से लाकर फ्लैट में रखते थे। उनके नाम पर आधार व पैन कार्ड बनाकर फर्जी कंपनी बनाते थे। उक्त कंपनी के नामपर करेंट बैंक अकाउंट खोला जाता था। इसके बाद प्रीएक्टिवेटेड सिम कार्ड खरीदकर उसमें इटरनेशनल रोमिंग ऑन करके दुबई भेज दिया जाता था। दुबई में बैठा अभिषेक बंसल वहां पर ईमेल आईडी बनाने के साथ ऑनलाइन बैकिंग के जरिए बैंक अकाउंट में जमा होने वाले रुपये को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करता था।
नेपाल के कैसीनों बना प्लान और श्रीलंका कैसीनो में करते थे निवेश
पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि जालसाजों ने देश भर में 2500 से अधिक म्यूल अकाउंट तैयार किये थे। ये लोग ठगी की रकम को श्रीलंका और कैरीबियन आईलैंड के कारासाव द्वीप पर मौजूद कैसीनो में निवेश करते थे। आरोप यह भी है कि ठगी की रकम को निवेश करने के बाद वे लोग उक्त रुपये को दोबारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भारत में लाते थे और अपने एजेंट को रुपये मुहैया कराते थे। सूत्रों की माने तो भारत-नेपाल के सीमा क्षेत्र बिरतामोड़ के पास कैसीनों एचएमसी और किंग्सडेयरी की शाखाएं गोवा में भी है। खासकर सिलीगुड़ी के लोगों का विकेंड में मनोरंजन का पसंदीदा जगह बना हुआ है।
अभिषेक के खिलाफ पहला मामला माटीगाड़ा थाने में दर्ज
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