किसी भी हादसे पर हालात हो सकते हैं बेकाबू, मॉल में बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं
पांच रेस्टोरेंट व बार ने अभी तक फायर विभाग से नहीं लिया सेफ्टी प्रमाण पत्र
एनई न्यूज भारत, सिलीगुड़ी
सिलीगुड़ी के सेवक रोड पर स्थित प्लानेट मॉल दिन में रंगबिरंगी देखने के बाद शाम होते ही यह प्लानेट माँल परवान चढ़ने लगता है। परंतु यहां आने वाले हर ग्राहक व शराब का सेवन करने वालों को क्या पता कि प्लानेट मॉल में 8 वर्षों से सुरक्षा मानकों को ठेंगा दिखाकर चल रहे है प्लानेट मॉल। हालांकि इसमें कुछ बार, पब और रेस्टाेरेंट इस प्रकार भी हैं जिनका फायर लाइसेंस का नवीनीकरण एक वर्ष से अधिक से फेल है और कुछ के लाईसेंस जल्द ही फेल होने वाले हैं। सबसे अहम बात यह है कि करीब पांच रेस्टोरेंट ऐसे हैं जिन्होनें तो सुरक्षा के मानकों को ठेंगा दिखाकर फायर लाइसेंस तक नहीं लिया। जबकि प्लानेट मॉल के निर्माण के बाद फायर विभाग के मानकों को पूरा नहीं करने के कारण पिछले 8 वर्षों से प्लानेट मॉल का फायर लाइसेंस नहीं बन पा रहा है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? मॉल बनाने वाले प्रमोटर या मोटी रकम देकर दुकानदार दुकान खरीदने वाले? नियमों की अवहेलना के कारण अग्निशमन विभाग धारा 35 के तहत प्रमोटर और दुकानदार को नोटिस भेजकर अग्निशमन सुरक्षा के मानकों को तीन माह में पूरा करने का निर्देश दिया है। अन्यथा सुरक्षा कमेटी के नियमानुसार विभाग सभी के साथ कानूनी कार्रवाई कर सकता है। मॉल सूत्रों की मानें तो प्लानेट मॉल में पीके हुट, टैम्प्रेचर, हैट्रीक, फ्यूजन रेस्टोरेंट और स्टीम मोक्टो ने अभी तक फायर लाइसेंस लेने की जहमत नहीं उठाया है।
व्यापारिक प्रतिष्ठान के लिए निर्माण के दौरान लिया था लाइसेंस
सेवक रोड के प्लानेट मॉल का निर्माण करीब वर्ष 2015 में पूरा हुआ था। उस दौरान प्रमोटर ने व्यापारिक निर्माण के लिए प्रारंभिक फायर लाइसेंस अर्थात एनओसी लिया था। इसके बाद जब मॉल बनकर तैयार हुआ और लोग अपने प्रतिष्ठान को बनाने लगे। मॉल निर्माण के बाद जब एनओसी के लिए टेक्नीकल जांच कमेटी ने प्लानेट मॉल का निरीक्षण किया तो सुरक्षा के लिहाज से फायर सेफ्टी मानक पूरा नहीं था। जांच के दौरान जांच कमेटी ने इसे पूरा करने को कहा था, लेकिन पिछले आठ वर्ष के दौरान अग्निशमन विभाग की नोटिस को प्लानेट मॉल के प्रमोटर और दुकानदारों ने महज खानापूर्ति समझ लिया और कोई कार्रवाई नहीं की। सेफ्टी मानकों को पूरा नहीं करने के आठ वर्षों के दौरान कोई हादसा तो नहीं हुआ, लेकिन अगर कोई घटना हुई होती तो पूरा मॉल जलकर खाक हो जायेगा। फायर विभाग की जांच में दिनांक 17 जुलाई 2016 से अभी तक कोई वैध अद्यतन आरएफएससी नहीं मिला। जांच के दौरान 12 मानकों को पूरा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हुआ। इसलिए अग्निशमन विभाग ने तीन माह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है।
जान माल की सुरक्षा विभाग का मुख्य लक्ष्य: दीवान लेप्चा
जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग अग्निशमन विभाग के अधिकारी जान लेप्चा ने बताया कि भवन निर्माण के दौरान बिजनेस परिसर बताकर फायर लाइसेंस लिया गया था। जब प्लानेट मॉल बनकर तैयार हुआ तो तकनीकी जांच कमेटी ने जांचकर फायर सेफ्टी लाइसेंस लेने का आवश्यक दिशा निर्देश दिया था और इसे तीन माह में पूरा करने का निर्देश, प्रमोटर और दुकानदारों को दिया था। परंतु इन 8 वर्षों के दौरान भी फायर सेफ्टी के मानकों को अभी तक पूरा नहीं किया गया। नागरिक के जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर विभाग ने प्रमोटर और दुकानार को धारा 35 के तहत नोटिस जारी करते हुए इसे तीन माह में पूरा करने का निर्देश दिया गया है। निरीक्षण अधिकारी ने अपने नोट में जिक्र किया है कि उक्त अधिभोग डब्ल्यूबीएफएस अधिनियम 1950 की धारा 11सी और 12 का उल्लंघन करते हुए चल रहा है। यह एक दंडनीय अपराध है और सरकारी राजस्व की हानि और जान-माल की सुरक्षा को खतरा है। इस संबंध में आपसे अनुरोध है कि अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (आरईएससी) के नवीनीकरण के लिए स्थानीय प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित भवन योजना के साथ आवेदन करें ताकि अग्नि सुरक्षा अनुशंसा के विचलन को पूरा करने के बाद आरईएससी जारी करना आसान हो सके। फायर आफिसर दीवान लेप्चा ने बताया कि हमारा उद्देश्य लोगों को परेशान करना नहीं है, सिर्फ जानमाल की सुरक्षा करना है। इसलिए नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है और अगर समयसीमा के भीतर मॉल नियमों को पूरा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई संभव है। इस मामले को डीजी सेफ्टी को भेज दिया जायेगा