दूसरे दिन भी सोने की जप्ती

• बीएसएफ ने नदिया ज़िले में 86.87 लाख का सोना को किया जप्त

 • तस्करी को नाकाम करते हुऐ 1.17 किलोग्राम सोना को पकड़

एनई न्यूज भारत,नदिया: दिनांक 17 सितम्बर को बीएसएफ दक्षिण बंगाल ने सीमा क्षेत्र के अन्तर्गत सीमा चौकी मधुपुर, बीएसएफ 68वीं वाहिनी के सतर्क जवानों ने पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले के भारत बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सोने की तस्करी को नाकाम करते हुए 10 सोने के बिस्कुटों को जप्त। तस्कर सोने के बिस्कुटों को तारबंदी के ऊपर से फेंककर बांग्लादेश से भारत में तस्करी करने के फिराक में था। मगर बीएसएफ ने तस्कर के मकसूदे को नाकाम करते हुए सोने के बिस्कुटों को जप्त किया जिसका कुल वजन 1.17 किलो है और इसका अनुमानित बाजारी कीमत तकरीबन 86.87 लाख रुपए है।

सूचना के आधार पर सीमा चौकी मधुपुर, 68वीं वाहिनी के जवानों को बीएसएफ ख़ुफ़िया विभाग से मिली सोने की तस्करी के बारे में पुख्ता सूचना प्राप्त हुआ। सूचना मिलने पर सभी ड्यूटी पर तैनात जवानों को सतर्क कर दिया गया। ड्यूटी के दौरान महिला जवानों ने बेतना नदी के पुल के पास भारत की तरफ कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की हलचल देखी। महिला जवान अपने साथी जवान के साथ तुरंत मौके की ओर दौड़े और तस्करों को चुनौती दी जो आईबीबीआर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे इलाके की घेराबंदी कर दी। जिसको देख कर तस्कर घबरा के अँधेरे का फायदा उठा कर मौके भाग गए। इसके बाद क्यूआरटी के साथ मिलकर आसपास के क्षेत्र में सघन तलाशी ली गयी। तलाशी के दौरान आईबीबीआर पर घास वाले स्थान पर एक प्लास्टिक का पैकेट पड़ा मिला। जिसको खोलने पर उसमें से 10 सोने के बिस्कुट बरामद हुए । सोने के बिस्कुटों को जब्त कर आगे की कार्रवाई के लिए उसे बीओपी मधुपुर लाया गया।

जप्त किए गए सोने को कानूनी कार्रवाई के लिए सीमा के निर्धारित विभाग, बगदाह को सौंप दिया गया। 

बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमांत के जनसंपर्क अधिकारी ने बीएसएफ कर्मियों द्वारा सफल ऑपरेशन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने तस्करी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए बीएसएफ की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने सीमावर्ती निवासियों से आग्रह किया कि सोने की तस्करी से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना बीएसएफ की सीमा साथी हेल्पलाइन नंबर 14419 पर या 9903472227 पर व्हाट्सएप मैसेज या वॉयस मैसेज के माध्यम से दें। पुख्ता सूचना देने पर उचित इनाम दिया जाएगा तथा सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।