मालदा में बीएसएफ के 2 बोट व 5 चालक बहकर पहुंचे बांग्लादेश, बीजीबी ने पुलिस को सौंपा

फ्लैग मिटिंग कै बावजूद भी बीजीबी ने नाविकों को वापस लौटने से किया मना, दर्ज किया मामला

एनई न्यूज भारत, मालदा

बांग्लादेश में आंदोलन के बाद नए प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद वहां के चरमपंथी गुट शासन प्रशासन में अपनी पकड़ बनाते दिखाई दे रहे हैं। भारत बांग्लादेश के इतिहास में पहली बार गंगा की ऊफनाती धारा में बहकर दो बीएसएफ के वोट और उनके पांच नाविकों अनजाने बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश कर गएजिसे बीजिपी के जवानों ने पकड़ लिया। हवा किस घटना के तुरंत बाद दोनों देशों के उच्च अधिकारियों के साथ फ्लैग मीटिंग के बात भी बीजिबि के अधिकारियों ने नाव और 5 संचालकों को वापस करने से मानाकर दिया और उन 5 नाविकों कै ऊपर विभिन्न धाराएं लगाकर बांग्लादेश पुलिस को सौंप दिया गया है। हालांकि इस तरह की घटना के बाद बीएसएफ भी सकते में है और इससे दोनों देशों के संबंध में खटास आने की संभावना देखी जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार बीते 17 अगस्त को बांग्लादेश से तस्करों का एक दल ऊफनाती गंगा के रास्ते मवेशी तस्करी करने की कोशिश कर रहा था। इसकी भनक लगते ही बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमान्त के क्षेत्रीय मुख्यालय मालदा की 115 वीं बटालियन की सीमा चौकीयों को अलर्ट किया गया, क्योंकि ज्यादातर इलाका गंगा नदी के साथ साथ है। वहीं दूसरी और 17 अगस्त को नदी से तस्करी के लिए ले जाई जा रही गायों को बचाने के दौरान बीएसएफ द्वारा अनुबंधित किये 02 इंजन फीटेड कंट्री बोट के 05 संचालक को मवेशियों कि तस्करी रोकने कै लिए ऊफनाती गंगा में उतारा गया, लेकिन वोट खराब होने के कारण वह तेज नदी के बहाव में बहकर अनजाने में बांग्लादेश की सीमा में चले गये। वहीं, जब बीएसएफ अधिकारीयों ने इन बोट संचालकों को वापिस लौटाने का आग्रह किया तो बीजीबी अधिकारीयों ने बांग्लादेश की मौजूदा हालत व मीडिया के दबाव का हवाला देते हुए उनको वापिस लौटाने से मना कर दिया। जानकारी के अनुसार, 17 अगस्त को सीमा चौकी नीमतीता, 115 वीं बटालियन के जवानों ने दूसरी शिफ्ट की ड्यूटी के दौरान देखा कि गंगा नदी में एक संदिग्ध वस्तु बह रही है। जवान ने तुरंत रेडियो सेट के माध्यम से क्यूआरटी और इंजन फीटेड कंट्री बोट पार्टी को सूचित किया। सूचना मिलने के बाद, 02 ईएफसी(इंजन फीटेड कंट्री बोट) बोट जिसमें 05 माझियों की पार्टी शामिल थी, घटनास्थल पर पहुंची और देखा की गंगा नदी में गायों को केले के तने के साथ बांध कर ले जाया जा रहा है । इन गायों को बचाने के दौरान उफनती नदी में बने भंवर से टकराकर 01 ईएफसी बोट खराब हो गई और वह गंगा नदी के पानी के बहाव के साथ तेजी से बहने लगी। तब दूसरी ईएफसी बोट ने ख़राब ईएफसी बोट को खींचने की कोशिश की लेकिन गंगा नदी में बढे जलस्तर व तेजबहाव और पानी में बने भंवर में फस कर दोनों बोट अनजाने में बांग्लादेश की सीमा में चली गयी जंहा बांग्लादेश बॉर्डर गॉर्ड के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया। तत्काल इस घटना की सुचना बीजीबी अधिकारीयों को फ़ोन से दी गयी तथा साथ ही साथ भारतीय बोट संचालकों को वापस करने की मांग की गयी। बीएसएफ अधिकारीयों ने तुरंत बीजीबी अधिकारीयों के साथ फ्लैग मीटिंग कर घटना के बारे में फिर से अवगत कराया गया कि पकड़े गए लोगों को बीएसएफ ने ईएफसीबी के संचालक के रूप में काम पर रखा था और गंगा नदी में मवेशियों को जब्त करते समय ईएफसीबी का इंजन खराब हो जाने की वजह से ये बोट संचालक अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश में प्रवेश कर गए। इस संबद्ध में इन व्यक्तियों का कोई गलत इरादा नहीं था तथा यह घटना ड्यूटी के दौरान हुई अतः दोनों विशिष्ट सीमा सुरक्षा बलों के बीच समन्वय और अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए उन्हें वापस लौटा दिया जाए। बीजीबी अधिकारीयों ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति का हवाला देते हुए बीएसएफ अधिकारीयों की एक नहीं सुनी और ईएफसीबी के संचालकों को वापिस लौटने से मना करते हुए उन्हें स्थानीय पुलिस को सौंप दिया।

मालदा में ऊफनाति गंगा नदी में भारत के सीमा की सुरक्षा करते बीएसएफ के जवान