मोंटेसरी स्कूल' के बच्चों द्वारा "हर घर तिरंगा" कार्यक्रम का आयोजन
आकाश शुक्ल
एनई न्यूज भारत' सिलीगुड़ी : भारत का स्वतंत्रता दिवस , जो हर साल 15 अगस्त को पूरे देश में धार्मिक रूप से मनाया जाता है, राष्ट्रीय दिवसों की सूची में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यह हर भारतीय को एक नई शुरुआत की याद दिलाता है, 200 से अधिक वर्षों के ब्रिटिश उपनिवेशवाद के चंगुल से मुक्ति के युग की शुरुआत हुई थी। इसलिए हम अपनी इस आजादी के जश्न को एक यादगार और खासकर बच्चों को भारत में तिरंगे की सही जानकारी देना है। उक्त बातें सीआरपीएफ कैंप की कावा अध्यक्ष श्रीमती राधा ने कही। उन्होंंने बताया कि इस अभियान से नई पीढ़ी एवं नन्हे मुन्ने बच्चों में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान व अपने देश के प्रति देश भक्ति की भावना जागृत होगी।
हर घर तिरंगा अभियान के तरह पूरे सीआरपीएफ कैंप को तिरंगे से सजाया गया है और सीआरपीएफ, सिलीगुड़ी के कैंप परिसर में अवस्थित 'मोंटेसरी स्कूल' के नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा "हर घर तिरंगा" कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा अपने-अपने हाथों में 'तिरंगा' लेकर भारत मां के जयकारे लगाते हुए पूरे उत्साह से कैंप परिसर में पदयात्रा किया गया। इस अवसर पर ग्रुप केन्द्र सिलीगुड़ी के डीआईजी पंकज कुमार और कावा की अध्यक्ष श्रीमती राधा, क्षेत्रीय सिलीगुड़ी एवं ग्रुप केंद्र के अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा हाथों में तिरंगा लेकर इन नन्हे मुन्ने बच्चों का हौसला अफजाई करते हुए उनके साथ पदयात्रा किया गया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के साथ-साथ विद्यालय के प्राचार्या एवं अन्य शिक्षक- शिक्षिकाएं भी इस तिरंगा पदयात्रा में शामिल होकर इसे सफल बनाया।
बच्चों में दिखा जश्न का माहौल
78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जिसमें विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। स्वतंत्रता के बाद से इसने चौतरफा सामाजिक-आर्थिक प्रगति हासिल की है। दुनिया के 7वें सबसे बड़े देश के रूप में, भारत एशिया के बाकी हिस्सों से अलग खड़ा है, क्योंकि यह पहाड़ों और समुद्र से घिरा हुआ है, जो देश को एक अलग भौगोलिक पहचान देते हैं। उत्तर में महान हिमालय से घिरा, यह दक्षिण की ओर और कर्क रेखा पर फैला हुआ है, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर के बीच हिंद महासागर में समा जाता है। देश के इसी यादगार पल को बच्चे जश्न के माहौल में मनाने के लिए उत्साहित हैं।