जवान पर जानलेवा हमला

 

• अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बीएसएफ जवानों पर किया जानलेवा हमला 

• आत्मरक्षा के तौर पर जवानों ने किया फायर घुसपैठियां उलटे पांव स्वदेश लौटे 

• जवानों ने तस्करी के प्रयासों को विफल कर घुसपैठियों को खदेड़ा

एनई न्यूज भारत,उत्तर 24 परगना,नदिया,मुर्शिदाबाद व मालदा:पश्चिम बंगाल के भारत बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठियों द्वारा बीएसएफ जवानों पर जानलेवा हमला कर बलपूर्वक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर बीएसएफ दक्षिण बंगाल के जवानों ने आत्मरक्षा में फायर कर उल्टे पैर बांग्लादेश खदेड़ दिया। यह घटना नदिया जिले के अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ के 68वीं वाहिनी के जवानों पर हुआ घटना सीमा चौकी रनघाट के इलाके में हुआ। जंहा करीब 08 से 10 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों ने धारदार हथियारों के साथ बीएसएफ जवान पर घातक हमला बोल दिया और घुसपैठ की कोशिश की। दूसरी तरफ जवान ने भी आत्मरक्षा के तौर फायर कर सभी घुसपैठों को खदेड़ दिया। मौके से हमले में शामिल धारदार हथियार को भी बरामद कर लिया है। 

मिली जानकरी के अनुसार,क्षेत्रीय मुख्यालय कृष्णानगर के अंतर्गत सीमा चौकी रनघाट, 68वीं वाहिनी के जवानों ने लगभग 26/27 जुलाई को देर रात करीब 02:40 बजे ड्यूटी के दौरान 08 से 10 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की संदिग्ध गतिविधि देखी गई, जो बांग्लादेश की ओर कोडालिया नदी के तट पर केले के बगीचे से होते हुए नदी को पार कर भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे थे। तभी जवानों ने देख लिया और रुकने की चुनौती दी लेकिन वे लोग जवान की आँखों में तेज रौशनी मारते हुए भारत में बलपूर्वक घुसने की कोशिश करने लगे। जवान ने संयम बनाए रखते हुए, आगे बढ़ रहे बदमाशों की ओर एक स्टन ग्रेनेड फेंका, लेकिन इसके बावजूद, अवैध घुसपैठियों ने बिना रुके काफी हिंसक तरीके से जवान पर हमला बोल दिया, तभी जवान ने अपनी जान को खतरा में देखा, और अपनी आत्मरक्षा के तौर पर बांग्लादेशी घुसपैठियों की तरफ दो राउंड फायर किया। गोलियों की आवाज सुनकर बदमाशों घने अंधेरे और घनी बांस की झाड़ियों में छिपते हुए वापिस बांग्लादेश की ओर वापस भाग गए। 

इसके अलावा,नदिया जिले में क्षेत्रीय मुख्यालय कृष्णानगर में 68वीं वाहिनी की सीमा क्षेत्र रणघाट व मामाभागिना में भी ऐसी जवानों पर हमला कर मादक पदार्थों की तस्करी की कोशिश हुई। वही मुर्शिदाबाद जिले में क्षेत्रीय मुख्यालय बेरहामपुर की 73वी वाहिनी की सीमा चौकी बामनाबाद व मालदा जिले में क्षेत्रीय मुख्यालय मालदा की 70 वाहिनी की सीमा चौकी सासनी तथा उत्तर 24 परगना में सीमा चौकी दोबरपाड़ा, 05 वीं वाहिनी में भी जवानों पर मवेशी तस्करों व अवैध घुसपैठियों द्वारा ऐसे घातक हमले हुए है, जहां जवानों ने आत्मरक्षा में मवेशी तस्करों व अवैध घुसपैठियों पर स्टन ग्रेनेड, पीएजी और अन्य हथियारों से फायरिंग की और तस्करी व अवैध घुसपैठ की घटनाओं को विफल कर दिया तथा मौके से 01 पशु, 325 प्रतिबंधित फेंसेडिल, 02 किलो गांजा व अन्य अवैध सामान जब्त किए।

1445 फेंसेडिल की बोतलें, 06 किलो गांजा व 03 फिशपीन से भरे प्लास्टिक के गुब्बारे जब्त किये जब तस्कर इन सामानों को भारत से बांग्लादेश में तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे। मध्य रात्रि को, बीएसएफ के ख़ुफ़िया विभाग की सुचना पर सीमा चौकी तेंतुलबेरिया, 05वीं वाहिनी के जिम्मेवारी के क्षेत्र में तस्करी के उद्देश्य से जूट फार्म और केले के बागान में प्रतिबंधित और अवैध वस्तुओं के छिपे होने की सुचना मिली। सुचना मिलने के बाद एरिया कमांडर व जवानों ने बागान से 695 फेंसेडिल व 04 किलो गांजा से भरे पोटलों को जब्त कर लिया और वही 70वीं वाहिनी की सीमा चौकी के जवानों ने एक विशेष अभियान के तहत कुल 425 फेंसेडिल जब्त की। इसके अलावा इस दिन अन्य घटनाओ में 05वीं वाहिनी की सीमा चौकी दोबरपाड़ा के जवानों ने 300 फेंसेडिल की बोतलें व 73वीं वाहिनी की सीमा चौकी हारुडंगा के जवानों ने 13 बोतल भारत निर्मित विदेशी शराब जब्त की। वही 118वीं वाहिनी की सीमा चौकी दाहेबखाली के जवानों ने 03 फिशपीन जब्त की। 

इन सभी घटनाओ के बाद बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ मीटिंग भी की गयी, जहाँ बांग्लादेशी तस्करों द्वारा बिना उकसावे के किए गए जानलेवा हमले की घटना पर ज़ोरदार विरोध दर्ज कराया गया। हमले और बचाव में की गयी गोलीबारी के संबंध में संबंधित पुलिस स्टेशन में प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज की गई है।

बीएसएफ दक्षिण बंगाल के जनसंपर्क अधिकारी डीआईजी ए.के. आर्य,, पीआरओ, बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमान्त ने कहा, "हमारे कर्तव्य पथ पर ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं। बीएसएफ के जवान असाधारण साहस और सतर्कता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा लगातार हमलों और अवैध घुसपैठ के बारे में उन्हें सचेत करने के लिए बीजीबी के साथ लगातार फ्लैग मीटिंग के बावजूद, उनके द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस निष्क्रियता ने तस्करों और अपराधियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। फिर भी, हमारे जवान हमारी सीमाओं की रक्षा करने और सभी परिस्थितियों में हमारे राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में दृढ़ हैं।