जीने की इजाज़त दे-दे या हुक्म-ए-शहादत दे दे

 

देश के लिए अपना सर्वोच्च सम्मान बलिदान देने वाले मेजर ब्रिजेश थापा आतंकियों से मुठभेंड में हुए शहीद

एनई न्यूज भारत, सिलीगुड़ी:दार्जिलिंग के रहने वाले सेना के मेजर ब्रिजेश थापा जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों से लोहा लेते हुए हमले में शहीद हो गए है। वहीं इस घटना से दार्जिलिंग की वादियों में में शोक की लहर छा गयी है। वहीं बेटे की शहादत की खबर पहुंचते ही परिवार के लोग फूट-फूटकर रोने लगे। 27 वर्षीय मेजर ब्रिजेश थापा 10 माह पहले 10 आरआर में दो वर्ष के लिए तैनात किया गया था। हालांकि उनका जन्म लेबोंग में हुआ, लेकिन उनकी शिक्षा सैन्य स्कूलों से हुई थी। जिसके कारण मेजर ब्रिजेश थापा को बचपन से सेना में जाने का शौक था। हालांकि लेबोंग में पैतृक घर के अलावा उनका सिलीगुड़ी में भी एक घर है। पिता भुवनेश कुमार थापा सेना से कर्नल पद से सेवा निवृत्त हुए थे। ब्रिजेश ने अपनी उच्च शिक्षा मुंबई में पूरी की और वहीं से बीटेक किया। हालांकि, वह बचपन से ही अपने पिता की तरह सेना के जवान बनकर देश की सेवा करना चाहते थे। 2018 में वह कंबाइंड डिफेंस सर्विस परीक्षा में बैठे थे और जिसे वह उत्तीर्ण किया था। इसके बाद ब्रिजेश 2019 में सेना में शामिल हो गए। ब्रिजेश की पहली तैनाती भारतीय सेना की 145 आर्मी एयर डिफेंस में हुई थी। फिर उन्हें अतिरिक्त रेजिमेंटल ड्यूटी के लिए जम्मू-कश्मीर के डोडा में 10 राष्ट्रीय राइफल्स में स्थानांतरित कर दिया गया। पिछले साल सितंबर में वहां गया था। वह इसी माह घर आने वाला थे, लेकिन अफसोस अब मेजर ब्रिजेश थापा नहीं बल्कि उनका पार्थिव शरीर वापस लौटेगा। मेजर ब्रिजेश थापा का पार्थिव शरीर बुधवार को विशेष विमान से सिलीगुड़ी के बागडोगरा एयरपोर्ट लाया जाएगा। इसके बाद बेंगड़बी में उन्हें सैन्य सम्मान दिया जायेगा फिर दार्जिलिंग स्थित पैतृक घर लेबोंग ले जाया जाएगा। जहां सेना जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।