तस्करों का किंग निकला कस्टम्स सुपरिंटेंडेंट समीर शंकर

 

तस्करों को पनाह देने और खुद तस्करी में लिप्त कस्टम्स सुपरिटेंडेंट समीर शंकर हुए गिरफ्तार

कस्टम्स सुपरिटेंडेंट के सिंडीकेट के 2 ट्रॉलर से 27 बाग्लादेशी तस्कर गिरफ्तार 

आकाश शुक्ल 

एनई न्यूज भारत दक्षिण 24 परगना : बीते जनवरी माह में 28 तारीक को विशेष सूचना के आधार पर बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमंत द्वारा चलाए गए विशेष अभियान। जिसमें सुंदरबन इलाके से 70,000 किलो सुपारी से लदे दो बांग्लादेशी ट्रॉलर जब्त किए था और 27 बांग्लादेशी तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। 28 जनवरी के सूचना के अनुसार एस्टुअरी पॉइंट (सुंदरबन क्षेत्र) से बीएसएफ की स्पेशल ऑपरेशन पार्टी ने 2 बांग्लादेशी ट्रॉलरों की आवाजाही देखने के बाद स्पेशल ऑपरेशन पार्टी ने उनका पीछा किया और दोनों बांग्लादेशी ट्रॉलरों, एफबी अल्लाहर दान 271 और एफबीअल्ला हर दान 272 को रोक लिया गया। दोनों ट्रॉलर अवैध रूप से न्यू मूर द्वीप के पास भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे और आगे भारतीय तस्करों को सौंपने के लिए दक्षिण 24 परगना में झरखली फेरी जेट्टी पर तस्करी के सामान को उतारने जा रहे थे। बीएसएफ ने जब बांग्लादेशी ट्रॉलरों की तलाशी के दौरान बीएसएफ ने 1152 बोरी विदेशी सुपारी बरामद की और 27 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए तस्करो से पूछताछ में यह पता चला सुपारी म्यांमार से लाया गया है और बांग्लादेश के रास्ते उसे आगे कोलकाता लाया जा रहा था। बांग्लादेशी तस्करो का मोबाइल फोन की जांच में चार भारतीय तस्करों के नाम सामने आया, जिसमें अमल ढ़ाली, प्रभाकर मंडल, अभिजीत घोष और राजू का नाम सामने आया। उसी आधार पर डीआरआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं दूसरी ओर कोलकाता से सुपारी से लदी दो और लॉरियां जब्त की गई। गहन तलाशी करने पर अधिकारी का नाम सामने आया। उनसे पूछताछ करने के दौरान सही जवाब नहीं देने के बाद डीआरआई को संतुष्टि नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।। डीआरआई ने इन भारतीय तस्करों को गिरफ्तार कर लिया और कॉल डिटेल्स का खंगालने के बाद कल डीआरआई ने इस मामले में कथित तौर कस्टम्स सुपरिटेंडेंट समीर शंकर को गिरफ्तार कर लिया। यह भी पता चला है कि गिरफ्तार सीमा शुल्क अधिकारी समीर शंकर भ्रष्ट आचरण में शामिल थे और उनके विभाग में विभागीय जांच चल रही थी। उनकी गिरफ्तारी सीमा शुल्क विभाग के कुछ क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करती है। समीर शंकर पहले जीएसटी विंग में काम कर चुके हैं और उन पर निरीक्षण चौकियों के माध्यम से अवैध रूप से सुपारी से भरे ट्रकों के सुरक्षित मार्ग की सुविधा के लिए मासिक रूप से 40 लाख की रिश्वत लेने का आरोप है। तस्करी को रोकने में बीएसएफ और डीआरआई के अथक प्रयास राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। संयुक्त अभियान ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को एक कड़ा संदेश भेजता है कि उनकी स्थिति या प्रभाव की परवाह किए बिना उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। कस्टम्स सुपरिटेंडेंट समीर शंकर की गिरफ्तारी सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार को खत्म करने और कानून और व्यवस्था की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपायों की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। मिली जानकारी के अनुसार कस्टम्स सुपरिटेंडेंट के गिरफ्तरी के बाद से अब कई और अधिकारियो पर गिरेगा कानूनी हथौड़ा से तस्करी का तार जुडने से अब कई केन्द्रीय और राज्य के विभाग संदेह के घरे में आ गए हैं । वहीं जहां बीएसएफ और सेना के जवान अच्छे वातावरण के दिन रात एक कर रही है। वहीं, तस्करी को रोकने के लिए दिन रात प्रत्येक दिन जवानों द्वारा अभियान चलाकर तस्करी को विफल किया जा रहा है। आरोपी अधिकारी को बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया और जज ने उन्हे जेल भेज दिया। वहीं दूसरी ओर डीआरआई ने बीते 31 जनवरी को रायमंगल नदी में बीएसएफ के साथ मिलकर दो बांग्लादेशी ट्रॉलर को पकड़ा था और सात बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया था। ट्रालर में 70 हजार 320 बोरा विदेशी सुपारी बरामद की गई जिसकी बाजार कीमत 5 करोड़ 61 लाख रुपये से भी ज्यादा थी।

बंगाल के समुद्री क्षेत्र में कोस्टगार्ड नहीं होने का उठाता फायदा

गिरफ्तार कस्टम्स सुपरिटेंडेंट समीर शंकर का गोरखधंध सड़क से लेकर समुद्र तक फैला था। सूत्र बताते हैं कि वहीं समुद्री सीमा की सुरक्षा कोस्टगार्ड के हवाले होती है, लेकिन बंगाल की सीमा में कोस्टगार्ड नहीं होने का फायदा उठाते हुए खुद के सिंडिकेट के द्वारा खरीदी गई नाव से व सुपारी सुंदरबन के क्षेत्र में लाकर कोलकाता भेजता था। सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तार सीमार शंकर कोलकाता कस्टम के पीएनआई विभाग में होने के दौरान अपना जाल उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में फैलाया और स्‍थानीय सिंडिकेट के साथ मिलकर ईमानदारी से काम करने वाले व्यवसायियों को परेशान कर सिंडिकेट में शामिल होने के लिए मजबूर करता था।

दक्षिण बंगाल सीमांत के जनसंपर्क अधिकारी डीआइजी एके आर्य ने कहा कि बीएसएफ तस्करी गतिविधियों से निपटने और सीमावर्ती क्षेत्रों में कानून का शासन बनाए रखने के अपने मिशन पर दृढ़ है। इसके साथ ही बीएसएफ तस्करी के सभी मामलों पर अपनी पैनी नजर बनाये हुए है और तस्करों के मंसूबाे पर पानी फेरने के लिए सदैव तैयार है।

 "सीमा सुरक्षा बल सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है,जिससे सीमा पार तस्करी रैकेट का प्रबंधन करने वाले सरगनाओं तक पहुंचने और उन्हें सलाखों के पीछे डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। बलों और एजेंसियों ने अपराधियों के बारे में रीयल टाईम जानकारी साझा करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया है जिससे संयुक्त अभियान सफल हो रहे हैं।"                                 रवि गांधी,अतिरिक्त महानिदेशक, पूर्वी कमान