आजदी के 75वें वर्ष में द्रोपदी ने रचा इतिहास

यशवंत सिन्‍हा को पराजित कर बनी भारत की 15वीं राष्‍ट्र्पति

न्‍यूज भारत, नई दिल्‍ली  

स्वतंत्रत भारत के 75वें वर्ष में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास रचते हुए देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति निर्वाचित होने के साथ ही आदिवासी सामज के पिछले पायदान के सफर को पूरा करते हुए देश के सर्वोच्‍च पद पर पहुंच गई है। राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोटों के बड़े अंतर से हराया। हलांकि वह तीसरे राउंड में ही बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी मुर्मू ने कुल 64 प्रतिशत मत प्राप्त किए। विपक्षी खेमे के करीब 17 सांसदों के अलावा बड़ी संख्या में विधायकों ने भी राजग प्रत्याशी के पक्ष में क्रास वोटिंग देखने को मिल और बहुमत का आंकड़ा पार करते ही मुर्मू को बधाई देने का तांता लग गया।

भारत के इतिहास में गौरवशाली दिन

भारतीय इतिहास में 21 जुलाई 22 गौरवशाली क्षण है और जब पहली बार कोई आदिवासी महिला इस देश की राष्ट्रपति चुनी गई हैं। उडीसा से जीवन के सफर को शुरू करने वाली द्रोपदी मुर्मू को झारखंड से गहरा लगाव हैं, लेकिन उनके रगों में झारखंडी खून बहता है। यही वजह है कि आज उनके राष्ट्रपति बनने पर उडीसा, उत्‍तर बंगाल समेत समूचा झारखंड खुश नजर आ रहा है।

भारत ने रचा इतिहास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले मूर्म को उनके निवास पर जाकर बधाई दी और ट्वीट करते हुए कहा कि जब 1.3 अरब भारतीय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तब पूर्वी भारत के एक सुदूर हिस्से में जन्मी आदिवासी समुदाय की भारत की एक बेटी हमारी राष्ट्रपति बनी है। भारत ने इतिहास रच दिया है और मुर्मू का जीवन देश के पिछडे आदिवासी समाज के लिए एक प्रेरणा है।

जीवन में पांच वर्ष का सफर सबसे दुखदायी  

द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन बेहद शानदार रहा लेकिन पारिवारिक जिंदगी उतनी ही परेशान करने वाली रही। ऊनके जीवन में ये पांच वर्ष 2009 से 2014 के बीच में उन्होंने अपने दो जवान बेटों और पति की मौत का गम बर्दाश्त करना पड़ाबावजूद इन दर्दनाक अनुभव के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और सार्वजनिक जीवन में अपनी सेवाओं को अनवरत जारी रखा

25 जुलाई को लेंगी शपथ

मुर्मू 25 जुलाई को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में देश की अगली राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का कार्यकाल 24 जुलाई मध्यरात्रि को समाप्त हो रहा है।

सांसदों के व़ोट में 540 वोट मुर्मू और 208 वोट सिन्हा को मिले

पहले राउंड में सांसदों के मतों की गिनती हुई और जिसमें 748 सांसदों के वोट वैध पाए गए और जिसमें 540 वोट मुर्मू को मिले। जबकि यशवंत सिन्हा को मात्र 208 सांसदों के ही वोट मिले। सबसे आश्चर्य की बात यह रही कि 15 सांसदों के मत अवैध पाए गए। इतनी संख्या में सांसदों के वोट अवैध पाया जाना हतप्रभ करने वाली बात है। जबकि आठ सांसदों ने वोट नहीं डाला। निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी के अनुसार सांसदों के कुल मत मूल्य का 72.19 प्रतिशत मुर्मू को और 27.81 प्रतिशत सिन्हा को मिले।

भाजपा ने मनाया विजय उत्सव

मुर्मू की जीत तय होते ही भाजपा की ओर से विजय उत्सव का सिलसिला शुरू हो गया। राजधानी दिल्ली से लेकर मुर्मू के गृह प्रदेश ओडिशा में उनके गांव समेत हर जगह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया।

यशवंत सिन्‍हा समेत दिग्‍गजों ने दी बधाई

विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी मुर्मू को बधाई देते हुए कहा कि वह आशा करते हैं कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में बिना भय और पक्षपात के वह संविधान के संरक्षक की भूमिका निभाएंगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश की तमाम हस्तियों ने भी मुर्मू को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी।