बीएसएफ ने पेश की मानवता की मिशाल

तीन बांग्लादेशी नाबालिक नागरिकों को मानवता के आधार पर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सोंपा

न्‍यूज भारत, सिलीगुड़ी : बल ने जहां सीमा की सुरक्षा में चाक चौबंद रहती है। वहीं दूसरी ओर दो दोशों के बीच आपसी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयास करती रहती है। इसी क्रम में 10 जनवरी 2022 को पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात 164 बटालियन के बॉर्डर आउट-पोस्ट भाटशाला़ की सीमा को अनजाने में गलती से पार करने के आरोप में जवानों ने 03 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा। पकड़े गए बांग्लादेशी नाबालिक नागरिकों की पहचान रोबिउल आलम (15 वर्ष) पुत्र इम्तियाज अली, रोबिउल इस्लाम (15 वर्ष) पुत्र रोहिदुल इस्लाम और बादशाह (13 वर्ष) पुत्र मकसूद अली, सभी निवासी ग्राम-उदैश्री, पुलिस स्टेशन-धमोरहाट, जिला-नौगांव, बांग्लादेश के रूप में की गई । पकड़े गये बांग्लादेशी नागरिको को सद्भावना के रूप में फ्लैग मीटिंग के दौरान बार्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया गया।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात उत्तर बंगाल फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा बल की बटालियने न केवल राष्ट्र विरोधी तत्वों के तस्करी और घुसपैठ के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए सीमा पर सतर्कता बरत रही है, बल्कि पड़ोसी देश से अच्छे संबंध बनाए रखने के प्रयास भी कर रही है। पिछले एक वर्ष के दौरान कुल 26 बांग्लादेशी नागरिकों ने अनजाने में उत्तर बंगाल फ्रंटियर के विभिन्न क्षेत्रों से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार की जिन्हें मानवता के आधार पर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया गया । इस बावत उत्‍तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक अजय सिंह ने कहा कि हम सीमा से बेहतर संबंध बनाने के लिए अपने प्रयास कर रहे हैं। इसी को ध्‍यान में रखते हुए सीमा सुरक्षा बल के जवान भारत-बांग्लादेश की सीमा पर मुस्तैदी से तैनात हैं। ताकि राष्ट्र विरोधी तत्वों के तस्करी और घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके।वहीं मानवता की मिशाल प्रस्‍तुत करते हुए मानवता की अनूठी मिशाल पेश करने का उदाहरण भी पेश किया है।