मुक्ति संग्राम के स्वर्ण जयंती वर्ष की पूर्व संध्या पर ‘बांग्लादेश-भारत का संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम‘
न्यूज भारत, सिलीगुड़ीः सीमा सुरक्षा बल का गठन वर्ष 1965 में हुआ और गठन के मात्र छह वर्ष की आयु में ही मुक्ति योद्धाओं को भरपूर सहायता और बेहतर प्रशिक्षण के कारण ही आज हम जीरो प्वाइंट पर एक साथ दो मित्र आजादी का जश्न मना रहे हैं। देश के इतिहास में वर्ष 1971 के युद्ध के सादियों तक याद किया जाएगा। बीएसएफ अपनी शैशव अवस्था के बाद ही बीएसएफ ने पाकिस्तान पर अपना परचम लहराया था। 19 मार्च, 1972 को भारत-बांग्लादेश मैत्री सहयोग और शांति संधि पर हस्ताक्षर के साथ दोनों देशों के बीच संबंधों की डोर और मजबूत हो गई। समझौते को इंदिरा -मुजीब संधि के रूप में भी जाना जाता था, जिसका नाम इसके हस्ताक्षरकर्ताओं भारत के प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश प्रधान मंत्री शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर रखा गया । आज बहुत ही ऐतिहासिक अवसर है। आज के इस कार्यक्रम को संचालित करने और इस तरह के आयोजनों के लिए हम सभी का आभार व्यक्त करतें है। इस कार्यक्रम के लिए बीएसएफ सिलीगुड़ी सेक्टर के सभी अधिकारियों और जवानों को दिल से साधुवाद देता हूं कि इतने बेहतर तरिके से इस तरह के कार्यक्रम को संपन्न कराया। उक्त बातें कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक रवि गांधी ने जीरो प्वाइंट पर भारत-बांग्लादेश के लोगों को संबाेधित करते हुए कही। माालूम हो कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर, बांग्लादेश और भारत के बीच बेहतर संबंधों बनाये रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने 14 दिसंबर 2021 (मंगलवार) को उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक रवि गांधी ने चेक पोस्ट (आईसीपी) फुलबाड़ी में एक ‘संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम‘ का आयोजन किया। इसमें ‘मुक्ति योद्धा‘ इतिहासकारों और दोनों देशों के प्रख्यात वक्ताओं को आईसीपी फुलबारी में सांस्कृतिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। बीएसएफ ने शुरू से ही 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी। बीएसएफ की 23वीं बटालियन को सेना के संचालन नियंत्रण में तैनात किया गया था और उन्होंने स्वतंत्र रूप से सेना के साथ मिलकर दुश्मन की स्थिति के खिलाफ रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह की कार्रवाई में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत के अवसर पर आईसीपीे फुलबाड़ी में दीप प्रज्ज्वलित महानिरीक्ष रवि गांधी ने किया। इस अवसर पर दोनों देशों की सांस्कृतिक मंडली ने जातीय लोक नृत्य प्रस्तुत किए। दोनों देशों के प्रख्यात इतिहासकारों, मुक्ति योद्धाओं और युद्ध के दिग्गजों ने मुक्ति संग्राम के प्रत्यक्ष विवरण और अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया। समारोह के दौरान बीएसएफ जज बैंड ने भी प्रस्तुति दी। प्रमुख स्थानीय नेताओं, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों, स्थानीय आबादी, बीएसएफ और बीजीबी अधिकारियों और मीडिया ने संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम में उपस्थित थे।