बीएसएफ एडीजी रवि गांधी का सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा

• हर चुनौती में डटे रहे हमारे जवान,जवानों की बहादुरी को सलाम

• जवानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण उनका योगदान अमूल्य

एनई न्यूज भारत,मालदा/मुर्शिदाबाद|15 अप्रैल : भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा और सीमा प्रबंधन को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से बीएसएफ के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने आज मालदा जिले के सीमावर्ती इलाकों का विस्तृत दौरा किया। इस दौरे में उनके साथ बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमांत के महानिरीक्षक करणी सिंह शेखावत, उपमहानिरीक्षक प्रितपाल सिंह भाटी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

सुबह लगभग 9:45 बजे वैष्णो नगर स्थित 71वीं वाहिनी मुख्यालय से एडीजी रवाना हुए और करीब 11:45 बजे 12वीं वाहिनी की सीमा चौकी तिलासन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बाड़ रहित 579क्षेत्रों में सीमा सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और तैनात जवानों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इसके बाद एडीजी गांधी ने अनुराधा और मनसा माता जैसी महत्वपूर्ण सीमा चौकियों का भी दौरा किया। मनसा माता में आयोजित प्रहरी सम्मेलन में उन्होंने जवानों से सीधे संवाद किया और मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा की। जवानों ने तस्करी, घुसपैठ और बदलते हालात जैसे मुद्दों को खुलकर सामने रखा, जिसे एडीजी ने गंभीरता से सुना और आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिलाया।

रवि गांधी ने जवानों के अनुशासन, सतर्कता और समर्पण की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में जवानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनका योगदान अमूल्य है। इस दौरे से जवानों का मनोबल और उत्साह दोनों में वृद्धि देखी गई।

इसके साथ ही एडीजी ने हिंसा प्रभावित इलाकों का भी दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने जवानों को चौकसी बनाए रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के प्रति सतर्क रहने के निर्देश दिए।

मुर्शिदाबाद जिले की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी निगरानी और पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। दौरे के दौरान किए गए प्रबंधों से गांधी पूरी तरह संतुष्ट नजर आए।

एडीजी ने अपने दौरे के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ हर चुनौती का डटकर मुकाबला करने में सक्षम है और सीमाओं की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

यह दौरा न केवल सीमा पर तैनात जवानों के मनोबल को ऊंचा करने वाला साबित हुआ, बल्कि सीमा सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी सिद्ध हुआ।