बंग्लादेश से रोजगार के झांसा देकर लाया भारत में देहव्यापार के धंधे में फंसी दोनो बहनों
बंग्लादेश जाने के दौरान अंर्तरारूट्रीय सीमा पार करते हुए गिरफ्तार, सुनाई आपबीती
न्यूज भारत कोलकाता: बंग्लादेश में रोजगार की तलाश में आए युवक व युवतियों की गिरफ्तारी सीमा पर होती रहती है।मावन तस्करी के इस खेल में खासकर सीमा पार की युवतियों को फंसाया जाता है और भारत में बेहतर रोजगार देने का लालच देकर लाया जाता है। बिना पासपोर्ट के अवैध रूप से भारत में धुसने के बाद उन युवतियों को जबरन देह व्यापार के धंधे में ढकेल दिया जाता है। हलांकि कुछ किसी तरह निकल जाती है कुछ आज भी नर्क का जीवन व्यतीत कर रही हैं। इस तरह की घटना नदिया जिले में तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों के द्वारा अवैध रूप से सीमा करने के आरोप में पकड़ी दो युवतियों ने बीएसएफ को सुनाया।
मिली जानकारी के अनुसार 21 नवम्बर, 2021 को जानकारी के आधार पर 08 वीं वाहिनी की सीमा चौकी झोरपाड़ा के सीमा पर तैनात जवानों को सतर्क किया गया। तकरीबन 3 बजे जवानों ने दो महिलाओं को सीमा पार करते हुए गिरफ्तार कर लिया, जबकि दलाल घनी झाड़ियों और अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग निकले। गिरफ्तार की गई दोनों लड़कियां सगी बहनें है और बांग्लादेश के सतखिरा जिले की रहने वाली है जिनके नाम शबाना खातून (काल्पनिक नाम), उम्र 20 साल व सादिया खातून (काल्पनिक नाम), उम्र 19 साल है। पूछताछ करने पर दोनों बहनों ने बताया कि एक महीने पहले उनकी मुलाकात नरेल जिले के रहने वाले सिप्पन नाम के व्यक्ति से हुई और उसने उन्हें भारत में अच्छा रोजगार दिलाने का वादा किया। एक महीने पहले वे सिप्पन के साथ भारत के मुंबई में आई और गोवंडी में सिप्पन ने शबाना खातून को देह व्यापार में धकेल दिया और उसकी बहन सादिया खातून को भी धकेलना चाहता था। आगे उन्होंने बताया कि वे दोनो बहनें पूजा नाम कि बांग्लादेशी महिला की मदद से वहां से भाग निकली । पूजा भी वहां देहव्यापार की दलदल में फंसी हुई है। आगे उन्होंने बताया कि उन्होंने पूर्ण नाम के भारतीय दलाल को सीमा पार कराने के लिए 14,000/ रूपये भी दिए हैं।
गिरफ्तार की गई दोनों लड़कियों को पुलिस थाना धनतला को आगे की कानूनी कार्यवाही हेतु सौंप दिया गया। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बयान जारी कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आए दिन मानव तस्कर भोली–भाली लड़कियों को अच्छी नौकरी का लालच देकर देह व्यापार जैसी दलदल में धकेल देते हैं जिसमें से निकलना नामुमकिन होता है। बीएसएफ के जवान सुरक्षा के साथ मानवता को भी ध्यान में रखते हुए लड़कियों के भविष्य को बचाने में जुटा हुआ है।