आजाद परिंदों की जिन्दगी आसान...

बीएसएफ ने तस्करों की कोशिशों की नाकाम, 30 वन्य पक्षी (कॉकाटू) को छुड़ाया

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पंक्षियों समेत अन्‍य तस्‍करी पर कसी लगाम

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी/कोलकाता

पंक्षी या चिड़ियों चंहचहाहट से गाँवों में सुबह हमारी नींद खुल जाती है। घर के आस-पास पेड़ों पर चिड़ियाँ और उनके बच्चे एक डाल से दूसरे डाल पर फुदकते है जिसे देखकर मन में अजीब प्रसन्नता होती है। वहीं चिड़िया कई प्रकार के हानिकारक कीड़ो को खा जाती है, जो फसल को नष्ट करती है। इस प्रकार की चिड़ियाँ किसानों के मित्र होते है। लेकिन पर्यावरण प्रदूषण और तस्‍करी के कारण पक्षियों की कई प्रजातियाँ विलुप्त हो जा रही है। वहीं पेड़ों की कटाई होने के कारण पंछियों के रहने और खाने की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। सरकार को पेड़ों की कटाई पर कड़ा क़ानून बनाना चाहिए। वहीं हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए पक्षियों की तस्‍करी पर कड़े कानून बनाने की आवश्‍यकता है। भारत-बंगलादेश की अंर्तराष्‍ट्रीय सीमा  की निगरानी के साथ-साथ पर्यावरण की आने वाले पक्षियों की तस्‍करी रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कमर कस ली है। पक्षियों के तस्‍करी का पार्दाफास करते हुए बीएसएफ ने उत्तर 24 परगना जिले में तैनात बीएसएफ के जवानों ने 30 वन्य पक्षी (कॉकाटू) को तस्करो के चंगुल से आजाद कराया। आज इन पंक्षियों की आजादी पर यह दो लाइ नसटीक बैठती है।

कहाँ आजाद परिंदों की जिन्दगी आसान होती है,
कभी बाज से तो कभी शिकारी के जाल से परेशान होती है।

बीएसएफ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 27 सितंबर, 2021 को दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने ड्यूटी के दौरान 30 वन्य पक्षी (कॉकाटू) को तस्करो के चंगुल से आजाद कराया। इन सभी वन्य पक्षियों को सीमा चौकी तराली, 112 वाहिनी, उत्तर 24 परगना जिले क्षेत्र से भारत से बांग्लादेश तस्करी करने का प्रयास था। 27 सितंबर, 2021 को करीब 18.25 बजे एक  पुख्ता जानकारी के आधार पर, सीमा चौकी तराली, 112 वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता, के जवानों ने ड्यूटी के दौरान 30 वन्य पक्षी (कॉकाटू) को बचाया। तस्कर इन सभी पक्षियों को एक प्लास्टिक की बोरी में डालकर, सीमा पर लगी तारबंदी के ऊपर से फेंक कर पार करने की फिराक में थे। लेकिन सीमा पर तैनात जवान ने समय रहते तस्करो के इरादों को भांपते हुए तस्करी से पहले ही प्लास्टिक की बोरी को मौके पर आकर पकड़ लिया। वहीं तस्कर बीएसएफ के जवान को देखकर वहां से भाग निकलने में कामयाब हो गए। पकड़े गए वन्य पक्षियों को वन्य विभाग को सौंपा दिया गया है।  जन संपर्क अधिकारी, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने 112 वीं वाहिनी के जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की है जिसमे जवानों ने 30 वन्य पक्षियों को तस्करो के चंगुल से आजाद कराया है। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।