सरहद की निगेवान आंखों ने दो को पकड़ा,नाबालिग को वेल महिला को जेल

बीएसएफ हमेशा ऐसे मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाता : इंद्रजीत सिंह राना

गिरफ्तार बांग्लादेशी नाबालिग को सद्भावना में बडीबी को सौंपा, महिला को जेल

पवन शुक्‍ल,सिलीगुड़ी/शिलां

भारत-बंगलादेश की सीमाओं की निगरानी कर रहे जवानों के निगेवान आखों से कोई बच नहीं सकता। सीमा पार से अनजाने में कदम बहक गए और पार कर दी अंर्तराष्‍ट्रीय सरहद। लेकिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की के निगेवान आंखों से बच नहीं सके। एक महिला जो तस्‍करी की नियत से भारत एक नाबालिक को बीएसएफ ने भारतीय सीमा से गिरफ्तार कर लिया। गहन पूछताछ में पता चला कि बालक को तस्‍करी का ढाल बनाकर अपने साथ भारतीय सीमा में प्रवेश किया था। अधिकारियों ने नाबालिग के साथ मानवता दिखाते हुए फ्लैग मिटिंग कर दोनों को बंगलादेश के बार्डर गार्ड (बीडीबी) को सौंप दिया। जबकि गिरफ्तार महिला को कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को सौंप दिया।  

बीएसएफ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि अनजानें में भारत की सीमा में प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार दोनों को सद्भावना का दिखाते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मेघालय ने एक बांग्लादेशी नाबालिग लड़के को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया। घटना 24 सितंबर 2021 को एक बांग्लादेशी महिला के साथ भारत में पकड़ा गया था। जब 30 बीएन बीएसएफ बॉर्डर आउट पोस्ट नोंगखेन के जवानों को ण्‍क खुफिया इनपुट के आधार पर एक बांग्लादेशी महिला नेमली बेगम (35 वर्ष) निवासी बांग्लादेश गांव शांतिनगर, और बीडी गांव नलजुरी के तांगीर (13 वर्ष) निवासी एक नाबालिग लड़के को गिरफ्तार किया। दोनों बांग्लादेश के सिलहट जिले के रहने वाले हैं। नाबालिग लड़के के साथ बीडी महिला को बांग्लादेश से भारत में छोटी-छोटी तस्करी के लिए भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा को अवैध रूप से पार करते हुए पकड़ा गया था। बांग्लादेशी महिला ने खुलासा किया कि वह भारत में तस्करी के लिए सामान ले जाने के लिए नाबालिग लड़के को अपने साथ ले गई थी। 25 सितंबर 2021 को पुलिस प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक फ्लैग मीटिंग के दौरान नाबालिग लड़के को बीजीबी को सौंप दिया गया। जबकि पकड़ी गई बांग्लादेशी महिला को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस स्टेशन बाघमारा को सौंप दिया गया।

बीएसएफ, मेघालय फ्रंटियर  के महानिरीक्षक इंद्रजीत सिंह राणा ने अपने बयान में कहा कि,बीएसएफ हमेशा ऐसे मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाता है जहां पीड़ित नाबालिग होते हैं। दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने ऐसे विषयों पर एक समझ विकसित की है और मौजूदा संबंधों को मजबूत करने और दोनों पड़ोसी देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए इन मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया गया है।