मालदा के चार मवेशी तस्कर गिरफ्तार, 45 मवेशियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त
न्यूज भारत, कोलकता: दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने 14/15 सितंबर, 2021 की अलग अलग घटनाओं में रात को अभियान चलाकर अपने इलाके से 4 मवेशी तस्करो को गिरफ्तार कर 45 मवेशियों को तस्करों के चुगंल से बचाया है। मालूम हो कि सीमा सुरक्षा बल के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत सीमा चौकी शोवापुर व नीमतीता , 78 वीं वाहिनी के सतर्क जवानों ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर 04 भारतीय तस्करो को 08 मवेशियों के साथ उस समय पकड़ लिया जब वे अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश में जाने की कोशिश कर रहे थे। पूछताछ में पकड़े गए तस्करो ने अपनी पहचान प्रभास शाह, पिता- राजन शाह, ग्राम- सबदलपुर, जिला मालदा, पश्चिम बंगाल, बकुल शाह, पिता– संतोष शाह, ग्राम– शोवापुर, जिला मालदा, पश्चिम बंगाल, रिंटू शेख, पिता– अब्दुल गफ्फार, ग्राम–शोवापुर पोस्ट– देवनापुर, जिला मालदा, पश्चिम बंगाल व मनिरूल इस्लाम, पिता–मोहसिन ,ग्राम–शोवापुर पोस्ट– देवनापुर, जिला मालदा, पश्चिम बंगाल के रूप मे हुई। उन्होंने बताया की 14 सितंबर की रात को उन्हें 03 भारतीय तस्करों सुकुर्ती अरशद शेख सनाउल शेख, ने 08 मवेशियों को बांग्लादेश ले जाने के लिए दिया था।
खराब मौसम का फायदा उठाते हुए ये चारों तस्कर 08 मवेशियों को लेकर बड़ा शिवपुर से नदी में उतरे, जिन्हें लेकर वह पानी के रास्ते बांग्लादेश की ओर जा रहे थे। किंतु सीमा सुरक्षा बल की 78 वीं वाहिनी के सजग जवानों द्वारा उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार करने से पहले ही मवेशियों के साथ धर दबोच लिया। पूछताछ में इन्होंने यह भी खुलासा किया की इन मवेशियों की तस्करी बांग्लादेश में करने के बाद कुल ₹70,000 मिलने वाले थे। घटना बीएसएफ की 35 वीं बटालियन की सीमा चौकी मदनघाट इलाके में 14 सिंतबर, 2021 को रात लगभग 0130 बजे हुई । जब भारतीय मवेशी तस्कर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से मवेशियों की एक बड़ी खेफ पार करने की फ़िराक में थे। ड्यूटी पर तैनात जवान को जैसे ही इलाके में इस हरक़त का अंदेशा हुआ तो जवानों ने तुरंत कंपनी कमांडर को इसकी सूचना दी। सूचना प्राप्त होते ही मदनघाट सीमा चौकी के जवानों ने इलाक़े की घेराबंदी शुरू कर दी। साथ ही जवान अलग अलग जगह पर टीम बनाकर तस्करो से भिड़ गए। जवानों को आता देख तस्करो में हडकंप मच गया। जवानों ने तस्करो को पकड़ने के लिए जैसे ही उनका पीछा करना शुरू किया तो तस्कर मवेशियों को छोड़कर इधर-उधर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। इलाके की अच्छी तरह छानबीन करने पर 12 मवेशियों को बचा लिया गया। तस्कर लगातार मवेशियों की तस्करी की जद्दोजहद में लगे रहे। इसी दौरान कुछ मवेशी तस्करो ने बॉर्डर आउट पोस्ट,चारकुटीबाड़ी जो 117 वीं वाहिनी के इलाके में पड़ती है वहां से तस्करी करने का सपना सजाया। परन्तु चारकुटीबाड़ी आउट पोस्ट के सतर्क जवानों ने उनके इन सपनों को मिट्टी में मिलाते हुए चकनाचूर कर दिया। जवानों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। जवानों को अपनी तरफ आते देख तस्कर अँधेरे और घनी जंगल झाड़ियों(सरकंडा) का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गये। इलाक़े की गहन छानबीन करने पर 25 मवेशियों को बचा लिया गया। गिरफ्तार किए गए तस्करों को संबंधित पुलिस स्टेशन को अग्रिम कानूनी कार्यवाही हेतु सौंप दिया गया है।
बीएसएफ के अधिकारियों ने अपने जवानों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमारे जवान इलाके में तस्करी को पूरी तरह से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज बचाए गए मवेशियों जवानों की एक बड़ी उपलब्धि है। बचाए गए मवेशियों की संख्या तस्करो के मंसूबों को बयां करती है लेकिन हमारे जवान इलाके से तस्करी को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रयत्नशील हैं।