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सीमा प्रहरी बने फ़रिश्ता, मालदा में सर्पदंश से घायल बच्ची की बचाई जान

आत्महत्या की कोशिश नाकाम, युवक को पहुंचाया अस्पताल बच गई जान

न्‍यूज भारत, मालदा : भारत-बंग्लादेश की अंर्तराष्‍ट्रीय सीमा जहां तस्‍करों और अवैध धुसपैठ सीमा सुरक्षा बल के जवानों के लिए चुनौती बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर इसी चुनौतियों से इतर बीएसएफ के जवान सीमा पर बसे गांवों की पीडि़त मानवता की सेवा के लिए देवदूत बनकर सामने आ रहे हैं। जवान अपनी डियूटी के थके हारे हाने के बावजूद भी अगर किसी को चिकित्‍सा सुविधा की जरूरत पर चौबीसों घंटे सीमा की सुरक्षा के तरह तैयार है। पश्चिम बंगाल के मालाद में जहां एक जहरीले सांप ने काटकर उसे मारने की कोशिश की तो 44 वीं वाहिनी के जवानों की तत्‍परता से उसे सही समय पर इलाज मुहैया करा उसे जीने का हक दे दिया। जबकि दूसरी घटना में जीवन से तंग आकर आत्‍महत्‍या की कोशिश करने वाले युवक को 86 वीं बटालियन के जवानों ने सही समय पर अस्‍पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में मालदा जिले के की सीमा पर बीएसएफ की 44 वीं वाहिनी के सीमा चौकी तिलासन के क्षेत्र में आने वाले तिलासन गांव तैनात है।  5 सितम्बर, 2021 को सायंकाल  करीब 5 बजे उस समय सांप ने डंकमार दिया जब वह घर के बाहर खेल रही थी। 8 वर्षीय नन्‍हीं सी जान प्रीतिका हलदर, पिता मेघा हलदर के परिजनों ने इसकी सूचना कंपनी कमांडर से मदद की गुहार लगाई। सीमा चौकी तिलासन के कंपनी कमांडर को जब इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने बिना देर किए एक नर्सिंग सहायक के साथ बीएसएफ एम्बुलेंस को प्रीतिका हलदर के घर भेजा। उसे तत्काल इलाज के लिए बुलबुल चंडी अस्पताल में भर्ती करायाख्‍ जहां वह मरीज की हालत ठीक बताई जा रही है। प्रीतिका हलदर के परिजनों  ने सीमा सुरक्षा बल और 44 वीं वाहिनि के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा की अगर बीएसएफ ने सही समय पर मदद नहीं की होती तो साँप का जहर प्रीतिका हलदर के पूरे शरीर में फैल जाता और उसकी मौत भी हो सकती थी।

वहीं दूसरी ओर नदिया जिले में बीएसएफ की 86 वीं बटालियन के क्षेत्र में आने वाले शिकारपुर गांव में 5 सितम्बर, 2021 को रात 9 बजे हुई। जब 25 वर्षीय परने मंडल, पिता प्रशांत मंडल के पुत्र ने ज़हर खा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया। युवक के माता-पिता ने बॉर्डर आउट पोस्ट शिकारपुर के कंपनी कमांडर को इस घटना के बारे में सूचना दी तो जवानों ने फौरन युवक को उठाया और नजदीकी अस्पताल करीमपुर ले गए। प्राथमिक उपचार कराने के बाद युवक को बीएसएफ एम्बुलेंस से कृष्णानगर जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया। जहां युवक की हालत अब बेहतर बताई जा रही है। युवक के परिजनों ने बीएसएफ के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि अगर जवानों ने सही समय पर पहुंचकर मदद नहीं की होती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। सभी गांव वालों ने ये भी कहा की उनके इलाके में बीएसएफ किसी फरिश्ते से कम नहीं है।

बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया की हमारे जवान अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखते हैं। किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में बीएसएफ के जवान, लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है।