न्यूज भारत, इंफाल(मणिपुर) : देश आजादी के 75 साल आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाता है। जिन सैनिकों ने कभी बाहरी दुश्मनों से लोगों की रक्षा की थी, वे हमारी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। असम राइफल्स लगातार अपने प्रयासों में वेटरन्स और वीर नारियों का हालचाल जानने के लिए पहुंच रही है। तामेंगलोंग मणिपुर के सुदूर पहाड़ी जिलों में से एक है। जहां सेना/असम राइफल्स के जवानों की अपनी-अपनी समस्याएं हैं। इन तक पहुंचने के लिए 22 सेक्टर एआर/आईजीएआर (ईएसटी) के तत्वावधान में 44 असम राइफल्स ने तामेंगलोंग में एक दिवसीय वेटरन संगम का आयोजन किया। जिले के इन पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत करते हुए कमांडेंट, 44 एआर ने उनका स्वागत किया और आजादी का अमृत महोत्सव की शुभकामनाएं दीं।
वहीं इसमें आगामी भर्ती रैलियों और स्थानीय युवाओं को इसके लिए नामांकन में मदद करने के लिए बटालियन के प्रयासों के बारे में जानकारी साझा की। लड़कियों के लिए सैनिक स्कूलों और बाद में एनडीए में प्रवेश प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई। संगम ने जिला मुख्यालय में भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के कामकाज में सुधार पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने जिले में भूतपूर्व सैनिक समाज के लाभ के लिए सकारात्मक और रचनात्मक संदेशों को साझा करने के लिए उन्हें यूनिट व्हाट्सएप ग्रुप पर सक्रिय सदस्य होने पर जोर दिया।
जीवन प्रमाण ऐप जो सीएसडी काउंटर पर स्थापित किया गया है। पूर्व सैनिकों को उनके ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए एक उत्कृष्ट सहायता प्रदान करता है। इसी तरह सीएसडी स्मार्ट कार्ड को अपडेट करना भी एक सतत प्रक्रिया है, सभी को इसे जल्द से जल्द करवाना चाहिए। बटालियन हर महीने जिले के रिटार्यड सेना के जवानों के पास समाज में अपने हाल जानने के लिए पहुंचती है। इस अवसर पर यूनिट मेडिकल स्टाफ ने भी पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों से बातचीत कर उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की।