तस्‍कर सलाखों के पीछे, मवेशी हुए आजाद

सीमा  सुरक्षा बल ने 01 बांग्लादेशी तस्कर को गिरफ्तार कर मवेशियों को तस्कर के चँगुल से छुड़ाया

दुर्लभ प्रजाति के सफेद मोर को तस्करो के चंगुल से हुए आजाद

  02 सितम्बर, 2021 को 54 वीं वाहिनी की सीमा चौकी मटियारी के सीमा पर तैनात  जवानों ने खुफिया शाखा की सूचना के आधार पर  दुर्लभ प्रजाति के तीन सफेद मोर को तस्करो के चंगुल से छुड़ाया हालांकि तस्कर बीएसएफ के जवानों को देखकर मौके से भाग निकले। इन मोरों  को तस्कर बांग्लादेश से भारत में तस्करी के लिए ला रहे थे। तस्करो  के चंगुल से बचाए गए मोरों  को वन विभाग रानाघाट को सौंप दिया गया हैं। सीमा सुरक्षा बल ने बयान में कहा की मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी है और इस लिहाज से ये हमारे देश का गौरव है। बीएसएफ सीमा पर होने वाली दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है।

न्‍यूज भारत, मालदा : मालादा जिले में तैनात सीमा सुरक्षा बल के 78 वीं वाहिनी की सीमा चौकी नीमतीता के जवानों ने 01/02 सितंबर 2021 की मध्यरात्रि को लगभग 2.25 बजे कार्यवाही करते 01बांग्लादेशी तस्कर  को 02 मवेशियों के साथ बीएसएफ ने दबोचा कर मवेशियों को आजाद कराया। जवानों ने मवेशी तस्‍कर को उस समय दबोचने मे सफलता हासिल की, जब यह गंगा नदी के तीव्र वेग का सहारा लेकर 02 पशु को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश ले जाने की कोशिश कर रहा था। पकड़े गए तस्कर ने पूछताछ मे अपना नाम मोहम्मद सुमन रेजा, पिता  जमालुद्दीन,गांव थूटापारा, पोस्ट ऑफिस–सहापारा, थाना- शिवगंज, जिला- चपाईनवाबगंज (बांग्लादेश) के रूप में हुई।

पूछताछ में बांग्लादेशी तस्कर ने खुलासा किया कि, वह  लगभग 06 महीने पहले रात में भारत बांग्लादेश सीमा पार करके जमीन के रास्ते से भारत के ग्राम मादना (औरंगाबाद,  नीमतीता)अपने फूफा के यहां आया था। वहां उसने राजमिस्त्री का काम किया।  फिर 29 अगस्त, 2021 को एक तस्कर दिलबर  शेख  से मिला और 01 सितंबर,2021 को दो मवेशी ले कर तस्करी की योजना बनाई।सीमा के पास आकर जैसे ही मवेशियों को नदी में उतारा बीएसएफ ने आकर पकड़ लिया। पूछताछ मे तस्कर ने यह भी खुलासा किया कि उसे 02 मवेशियों को पार करने के बाद 25,000 रूपए मिलने थे। उसने यह बताया की यह मवेशी उसे बकुल , पिता - नुरुल ,ग्राम- थूटापारा, बांग्लादेश में देने थे।  बीएसएफ द्वारा कानूनी कार्रवाई के लिए बांग्लादेशी तस्कर को अग्रिम कार्रवाई हेतु पुलिस स्टेशन शमशेर गंज को सौंप दिया जाएगा।

राहुल, कार्येवाहक कमांडिंग ऑफिसर, 78 बटालियन ने अपने जवानों की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की है, जिसके परिणामस्वरूप 01 तस्कर को पकड़ा गया और  02 मवेशियों को बचाया गया| उन्होंने कहा कि यह उनके जवानों द्वारा ड्यूटी पर दिखाई गई सतर्कता के कारण ही संभव हो पाया है।

मछली के जाल की तस्करी में धरा गया

बीएसएफ ने 2 सितंबर, 2021 को दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बांग्लादेशी तस्कर को 43 मछली के जाल के साथ गिरफ्तार किया गया। वह सीमा चौकी तेंतुलबेरिया, 158 वीं वाहिनी, उत्तर 24 परगना जिले क्षेत्र से अवैध तरीके से भारत से बांग्लादेश तस्करी करने की कोशिश कर रहा था। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उस व्यक्ति का पीछा किया और उसे पकड़ लिया। पकड़ने के बाद उस इलाके की अच्छी तरीके से तलाशी ली गई तो 03 प्लास्टिक के बैग मिले जिनमें 43 मछली के जाल निकले। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान मोहम्मद आरिफ हुसैन, उम्र लगभग 24 वर्ष, पिता मोहम्मद कुतुबुद्दीन, गांव– रुद्रपुर, डाकघर– गोगा, थाना– सरसा, जिला– जेस्सोर, बांग्लादेश के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान पकड़े गए व्यक्ति ने बताया कि वह बांग्लादेश का नागरिक है। उसने बताया कि उसके साथ 06 अन्य व्यक्ति भी आये थे। उसने बताया कि यह सामान उसने हसन गेन ( पिता हसमत गेन, गांव तेंतुलबेरिया, थाना– गायघाटा, जिला– उत्तर 24 परगना) से लेना था और आगे मीरजान मंडल ( पिता तेना मंडल, गांव– रुद्रपुर, डाकघर–गोगा, थाना– सरसा, जिला जेस्सोर, बांग्लादेश) को देना था। जिसके लिए उन्हें प्रति किलोग्राम के ऊपर ₹200 मिलने थे। परंतु सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया। पकड़े हुए व्यक्ति को जब्त किए हुए सामान के साथ पुलिस स्टेशन गायघाटा को सौंप दिया गया है।

हरेंद्र सिंह तोमर, कमांडिंग ऑफिसर, 158 वाहिनी ने अपने जवानों कि उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त की है जिसके परिणामस्वरूप 158 वाहिनी ने 01 बांग्लादेशी तस्कर के साथ 43 मछली के जाल पकड़े है। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।