हमने दोस्‍ती में भी धोखा खाएं है...

पहले हुई दोस्‍ती फिर एकरार, फिर उतार दिया जिस्‍म के बाजार में

बीएसएफ ने अंर्तराष्‍ट्रीय सीमा पर किया गिरफ्तार और हुआ खुलासा

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी/कोलकाता

कौन कहना है सिर्फ मुहब्‍बत बेवफा होती है, हमने दोस्‍ती में भी धोखा खाएं है। यहीं हाल उन बदनीबों का है जो सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) के द्वारा अंर्तराष्‍ट्रीय सीमा के उलंघन के बाद गिरफ्तार बंगलादेश की महिलाओं का है। पति के तलाक के बाद जब आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद तीनों के दोस्‍तों ने उसे सहारा देने का एहसास कराया। वहीं दोस्‍ती की कसम देकर उनकी स्थिति सुधारने के लिए बंगलादेश से चलकर अवैध रूप में भारत में आ गए। बेहतर रोजगार दिलाने की बता कह कर तीनों अपने दोस्‍तों के साथ जब भारत पहुंची तो संपनों की उड़ानों में दोस्‍ती का हौसला था। लेकिन तीनों की बदनसीबी यहां भी उनके साथ रही। दोस्‍तों ने पहले इधर-धुमाया और फिर रोजगार के नाम पर उन तीनों को जिस्‍म के बाजार में उतारने का फैसला लिया। जहां पर रोजगार के नाम में रोज अपने जिस्‍म को लुटते देख वहां से निकलने की योजना बनाकर किसी तरह से निकल गई। इसके बाद वह अपने वतन बंगला देश जाने के लिए गैरकानूनी रास्‍ता अपनाया। हलांकि यह रास्‍ता कठिन था, लेकिन रोजाना लुटते जिस्‍म से खौफजदा महिलाओं ने यह रास्‍ता अपनाया। लेकिन सीमा सुरक्षा बल की चौकसी ने उन्‍हे फिर से सलाखों के पीछे जाने का मजबूर कर दिया।

बीएसएफ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि उत्तर 24 परगना जिले के सीमावर्ती इलाके में सीमा सुरक्षा बल ने वेश्यावर्ती से निकल कर आई तीन बांग्लादेशी महिलाओं समेत कुल पांच लोगो को अवैध रूप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के दौरान हिरासत में लिया। 23 अगस्त, 2021 को 99 वीं वाहिनी की सीमा चौकी रनघाट के जवानों ने खुफिया सूचना के आधार पर विशेष अभियान चलाकर  पांच लोगो को गिरफ्तार कर लिया। जिनमें तीन महिलाएं भारत से बांग्लादेश जाते समय और एक महिला और एक पुरूष को बांग्लादेश से भारत आते समय गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्तियो की पहचान ) कुलशुमन गाजी (काल्पनिक नाम) (उम्र 31वर्ष), जिला–खुलना, बंग्लादेश, आशिमा खातून (काल्पनिक नाम) (उम्र 27वर्ष) जिला– नरेल, बांग्लादेश,  इति खानम (काल्पनिक नाम) (उम्र 29 वर्ष), जिला नारायणगंज, बांग्लादेश के रूप हुई।

दोस्तों ने भारत में काम दिलाने का किया वादा, धकेला देह व्यापार के दलदल में

पूछताछ करने पर तीनों महिलाओं ने बताया की तीनों का तलाक हो चुका है। जिसके कारण उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। कुलसुमन गाजी (काल्पनिक नाम) की दोस्त स्विटी, आशिमा खानम (काल्पनिक नाम) के दोस्त अनिल और इति खानम (काल्पनिक नाम) की दोस्त काजल ने उन्हें भारत में काम दिलाने के वादा किया और वे सभी अपने दोस्तों साथ भारत आई थीं । जहां उनके दोस्तों ने रोजगार के नाम पर उन्हें वेश्यावृति में धकेला दिया था। आगे उन्होंने बताया की वे तीनों किसी न किसी तरह से वहां से निकलकर आई हैं। सीमा को पार करने के लिए भारतीय दलाल सुदेव की मदद से बांग्लादेश जा रही थी। वहीं दो अन्य की पहचान आशिक अली (उम्र 22 वर्ष), पिता का नाम करीम अली, गांव– लस्करपुर, जिला–जेसोर, रशीदा खातून (उम्र 20 वर्ष) पिता का नाम अली हुसैन, गांव–नामवर पाड़ा थाना अभयपुरी, जिला– बोंगाईगांव, असम के रूप में हुई। जिन्होंने पूछताछ में बताया कि वे दोनों पति–पत्नी हैं और आज काम के लिए भारत आ रहे थे। आगे उन्होंने बताया की उनसे भारतीय दलाल तमीज मंडल और बांग्लादेशी दलाल जमीर भाई ने 20,000 रूपये सीमा पार कराने के लिए तय किए थे। गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्तियों को सम्बंधित पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया गया।

गरीबी का फायदा उठाकर अच्छे काम का झांसा देकर धकेल देते है देह व्यापार की दलदल में

 संजीव कुमार, 99 वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर ने बताया की भारत - बांग्लादेश सीमा पर गैर कानूनी आवागमन को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही हैं। जिससे इस प्रकार के अपराधों में लिप्त व्यक्तियों को काफी मुश्किल का अनुभव हो रहा हैं। उनमें से कुछ पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाएं हो रही हैं। आगे अधिकारी ने बताया की गरीब और जरूरतमंद लड़कियों को अच्छे काम दिलाने के बहाने दलाल उन्हें देहव्यापार जैसे घिनौने कामों में धकेल कर भोली भाली लड़कियों की जिंदगी खराब कर देते हैं ।

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देशी दारू के साथ 2 भारतीय तस्कर दबोचा गए

वहीं दूसरी ओर 22 अगस्त, 2021 को दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने दो भारतीय नागरिक, (एक रिक्शा चालक) को 43 देसी दारू की बोतलों के साथ पकड़ा जिसे वे सीमा चौकी अंगरैल, 158 वाहिनी, उत्तर 24 परगना जिले के क्षेत्र से भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहे थे। ऑटो रिक्शा की तलाशी लेने पर उसमें से 43 देसी दारू की बोतलें मिली। उसी समय ऑटो रिक्शा चालक और उस में बैठी एक महिला को सीमा सुरक्षा बल द्वारा पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान उर्मिला पांडे, उम्र 63 वर्ष, पति–स्वर्गीय परिमल पांडे, गांव– गोदाधारपुर, डाकघर–अंगरैल, थाना– गाईघाटा, जिला– उत्तर 24 परगना। सुधान्या हलदर, उम्र 56 वर्ष, पिता– स्वर्गीय सुरेन हलदर, गांव+डाकघर–अंगरैल, थाना– गाईघाटा, जिला–उत्तर 24 परगना के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान उर्मिला पांडे ने बताया कि वह अखिल बाला (गांव अंगरैल, थाना गाईघाटा, जिला उत्तर 24 परगना) के लिए कैरियर का काम करती है जोकि बनगांव से देसी दारू लेती है और अखिल बाला की दुकान में दे देती है। उसने बताया कि वह यह काम हफ्ते में दो बार करती है जिसके लिए उसे 200 एक बार के मिलते हैं। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान सुधान्या हलदर ने बताया कि ऐसे काम के लिए वह डबल किराया लेता है और इस काम के लिए भी उसने डबल किराए मिलता है।पकड़े गए व्यक्तियों को जब्त सामान के साथ पुलिस स्टेशन गाईघाटा को सौंप दिया गया है।

हरेंद्र सिंह तोमर, कमांडिंग ऑफिसर, 158 वीं वाहिनी ने अपने जवानों की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्ति की है जिसके परिणामस्वरूप 158 वीं वाहिनी ने दो भारतीय नागरिकों को 43 देसी दारु की बोतलों और एक ऑटो रिक्शा के साथ पकड़ा है। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सकता है।