दोस्ती एक मिसाल है जहाँ कोई सरहद...

घुसपैठ पर बीएसएफ ने कसी लगाम, दलालों की हालत हो रही पतली

बांग्लादेशी किसान ने सीमा को किया पार, बीएसएफ ने सद्भावना में बीजीबी को सौंपा

पवन शुक्‍ल, सिलीगुड़ी/कोलकाता

अंर्तराष्‍ट्रीय सरहद को पार करने की सजा जेल होती है। लेकिन भारत-बंगलादेश की सीमा में अवैध घुसपैठ के कारण आए दिन नित नए खुलासे होते रहते हैं। बुधवार को एक बंगलादेशी किसान घाट काटने की धुन में दो देशों के बीच मे बंटी सरहदों को पार करने की हिमाकत की। लेकिन जब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने घुसपैठिया समझ कर गिरफ्तार कर लिया। काफी पूछताछ के बाद पता चला कि वह बंगलादेश का किसान है घास काटने के दौरान वह गल्‍ती से भारत की सीमा में प्रवेश कर गया। दोनों देशों के बढ़ते मधुर रिस्‍तों में और मिठास बढ़ाने की कोशिश करते हुए बीएसएफ के जवानों ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए किसान को बंगला देश के हवाले कर दिया। बीएसएफ की इस नेकदिली की चर्चा का विषय बना हुआ है और इसके लिए यह चार लाइनें उपयुक्‍त हैं।

दोस्ती एक मिसाल है जहाँ कोई सरहद नहीं होती,

ये वो शहर है जहाँ इमारतें नहीं होती।

यहाँ तो सब रास्ते एक-दूसरे के निकलते हैं,

ये वो अदालत है जहाँ कोई शिकायत नहीं होती।।

बीएसएफ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 03 अगस्त, 2021 को दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने 01 बांग्लादेशी नागरिक को उस समय पकड़ा जब वह 35 बटालियन की सीमा चौकी आशिरदाह, जिला मुर्शिदाबाद के क्षेत्र में अवैध रूप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार कर बांग्लादेश से भारतीय क्षेत्र में आ गया था। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक को आगे की पूछताछ के लिए सीमा चौकी अशिरदाह  लाया गया। कड़ी पूछताछ के बाद पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक की पहचान अलामीन शेख (उम्र 50 वर्ष), पिता– मुर्शिद शेख, गांव - चारअशिरदाह, डाकघर – गोदागरी, जिला- राजशाही (बांग्लादेश) बताया। पूछताछ करने पर बांग्लादेशी नागरिक ने बताया कि वह पेशे से किसान है और वह घास काटते हुए अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में आ गया है। जहां पर बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया। बीएसएफ ने दोनों देशों के बीच दोस्‍ती को और मजबूती प्रदान करने के लिए और सद्भावना की मिशाल पेश करते हुए फ्लैग मीटिंग कर किसान को बीजीबी को सौंप दिया गया है। बीएसएफ के जवानों के इस शानदार करनामें को शाबासी देते हुए 35 बटालियन के कमांडेंट सतीश  कुमार ने बताया की भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और मानव तस्करी को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही हैं। जिससे इस प्रकार के अपराधो में लिप्त व्यक्तियों को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा हैं। इस घुसपैठियों में से कुछ पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाऐ हो रही हैं। इसके साथ ही बांग्लादेशी लोगो को उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए मानवीय आधार और दोनो देशों की सीमा सुरक्षा बलो के आपसी सद्भावना के चलते उन्हें बॉर्डर गार्ड बंग्लादेश को  सौंपा जा रहा है। साथ ही सीमा सुरक्षा बल की इस प्रकार की कार्यवाही से बंग्लादेशी दलालो के खिलाफ भी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को कड़ी कानूनी कार्यवाही करने में भी मदद मिल रही है।